Sunday, December 11, 2011

फर्जी मामलों में फंसाये जा रहे हैं मानवाधिकार कार्यकर्ता

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भारत में मानवाधिकार कार्यकर्ता भले ही लोगों की मदद के लिए बढ़ चढ़कर आगे आते हों और लोगों के लिए न्याय की राह आसान करते हों लेकिन हकीकत यह है कि खुद इन कार्यकर्ताओं के लिए मानवाधिकार राह मुश्किलों भरी है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के ऊपर लगातार हमले बढ़ रहे हैं न्याय दिलाने की कीमत मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को चुकानी पड़ रही है. नौ दिसंबर को मानवअधिकार कार्यकर्ता दिवस पर वाराणसी में मानवाधिकार जननिगरानी समिति द्वारा आयोजित सम्मेलन में मानवअधिकार कार्यकर्ताओं के असुरक्षा और हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गयी।

संयुक्त राष्ट्र संघ में मानव अधिकार कार्यकर्ताओं पर स्पेशल रिपोर्टियर सुश्री मार्ग्रेट सेकेग्गया ने संयुक्त राष्ट्र संघ के साधारण सभा में कहा - मानवअधिकार कार्यकर्ताओं पर संयुक्त राष्ट्र घोषणा को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 12 सालों बाद भी अधिकांश सरकारें और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को यह पता नही है कि कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी एवं सुरक्षा के लिए अन्तर्राष्ट्रीय कानून भी बनाये गये है।

16 मार्च, 2011 को वाराणसी में आयोजित प्रान्तीय सम्मेलन में 09 दिसम्बर, 2011 को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मानवाधिकार कार्यकर्ता दिवस के रूप मे मनाने का निर्णय लिया गया था। जो 9 दिसम्बर, 1998 को ही संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घोषणा-पत्र को पारित किया गया था। इस अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भी स्वीकार करते हुए एक सन्देश जारी किया है कि आयोग मानवाधिकार कार्यकर्ता के सृजन करने मे समर्थन के लिए प्रतिबध्द है, जो अधिकारो के प्रति जागरूकता और नागरिक समाज के सम्मान का निर्वाह करता है ! आज वाराणसी सहित देश के विभिन्न स्थानों पर मानवअधिकार कार्यकर्ता दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आशियान इण्टरगोर्वेंटल कमीशन आन हृयूमन राइट्स के कमीशनर एवं पूर्व अध्यक्ष रफाण्डी राजमीन ने भी शुभकामनायें दी है।

इस अवसर पर पूरा जीवन मानवाधिकार हनन के खिलाफ संघर्षरत उड़ीसा से श्री दुर्योधन रेड्डी को जनमित्र सम्मान से सम्मानित किया गया। वही जौनपुर से श्री महातिम मुसहर, वाराणसी से श्री मंगला राजभर, मुरादाबाद से जनाब मो0 सलीम अंसारी, अम्बेडकरनगर से श्री रामकृपाल एवं जनाब मुर्हरम अली और महोबा से श्री मंगल सिंह को अपने क्षेत्र में विभिन्न तरह की चुनौतियों और हमलों का सामना करते हुए मानवअधिकारों और लोकतंत्र के मूल्यों को स्थापित करने की दिशा में उनके अमूल्य योगदान के लिए “ जनमित्र सम्मान “ से सम्मानित किया गया। साथ ही सरकार से उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की माँग की गयी।

सम्मेलन में मानवाधिकार कार्यकर्ता डा0 लेनिन रघुवंशी को जान से मारने की धमकी की भर्त्सना करते हुए मुख्यमंत्री - उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग - नई दिल्ली एवं संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र भेजा गया है। इस मामले पर आयरलैण्ड की मानवाधिकार संगठन फ्रन्टलाइन ने अर्जेण्ट अपील जारी की है। वही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब देने को कहा है, साथ ही वाराणसी के डी0आई0जी0 ने जाँच का आदेश दिया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं पी0यू0सी0एल के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री चितरंजन सिंह ने कहा – “ कानून के राज को स्थापित करने के लिए राज्य एवं लोकतांत्रिक ताकतों को मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को सुरक्षा व संरक्षण देना चाहिए। मानवाधिकार कार्यकर्ता दिवस व अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस को जन - जन तक पहुचाया जाय, जिससे आमजन अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो सकें। “

अध्यक्षता करते हुए इकानोमिक टाइम्स - उड़ीसा के वरिष्ठ पत्रकार नागेश्वर पटनायक ने कहा – “ भारत के 65 साल की आजादी के बाद भी मानवाधिकार हनन की बहुलता है। सुरक्षा बलों के जवाबदेही की कमी वंचित तबकों की पुलिस द्वारा अत्याचार व फर्जी मुठभेड़ व यातना में न्याय का न मिलना या न्याय की देरी देश के लोकतंत्र पर सवालिया निशान लगाते है। सबसे ज्यादा दुःखद एवं आश्चर्यजनक है कि मानवाधिकार पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रताडि़त किया जाता है, यातना दी जाती है और झूठे मुकदमों में फसाया जाता है।“

इस अवसर पर डा0 लेनिन रघुवंशी द्वारा लिखित किताब, फ्रन्टपेज लंदन द्वारा प्रकाशित किताब “ जस्टिस, लिबर्टी, इक्विलिटीः दलित इंडिपेन्डेन्ट इंडिया “ का विमोचन संयुक्त रूप से चितरंजन सिंह एवं नागेश्वर पटनायक ने किया।

कार्यक्रम मे शहीद मानव अधिकार कार्यकर्ताओ की आत्मा को शांति के लिए एक मिनट का मौन रखा गया ! इस कार्यक्रम मे वाईड एंगल, ह्युमन राइटस ला नेटवर्कस, रोजा संस्थान, वायस आफ पीपुलस, सावित्रि वाई फूले महिला पंचायत, पीपुल युनियन फार सिविल लिबर्टी, एकता परिषद ट्रस्ट, वादा फाण्डेशन, नेशनल एलायंस आन टेस्टीमनी थेरेपी, परमार्थ, सखी केन्द्र, ग्राम्या, बुनकर दस्तकार अधिकार मंच, बराक ह्युमन राइटस एण्ड प्रोटेक्शन कमेटी, सेंटर फार पीस एण्ड हार्मोनी, संग्राम, इंस्टीटूट आफ सोशल डेवलपमेंट ट्र्स्ट संगठन शामिल हुए. संचालन मानवाधिकार जननिगरानी समिति के महासचिव डा0 लेनिन व सीनियर मैनेजर अनूप श्रीवास्तव ने कियाए स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्था की मैनेजिंग ट्रस्टी सुश्री श्रुति नागवंशी ने किया।

Friday, December 2, 2011

हिरासत मे रखकर पिटाई करने से अधमरा हुआ युवक अस्पताल मे भर्ती !


---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/12/2
Subject: हिरासत मे रखकर पिटाई करने से अधमरा हुआ युवक अस्पताल मे भर्ती !
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
Cc: pvchr.india@gmail.com


सेवा मे,                                                              02 दिसम्बर, 2011

      अध्यक्ष महोदय,

      राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,

      नई दिल्ली,भारत !

विषय :- हिरासत मे रखकर पिटाई करने से अधमरा हुआ युवक अस्पताल मे भर्ती !

महोदय,

      हम आपका ध्यान घूरेलाल, उम्र - 28 वर्ष, निवासी :- कछवा बाज़ार, थान - कछवा, जिला - मिर्जापुर् (उत्तर प्रदेश्) के निवासी की ओर आकृष्ट कराना चाहूगा !

      पीडित को थाना इलाका कछवा (मिर्जापुर्) की पुलिस द्वारा मंगलवार रात पूछ्ताछ के लिए थाने उठा ले गए, सुबह जब पीडित के भाई राजेश थाने गया तो पुलिस पैसे की मांग किये, जब पीडित परिवार द्वारा पैसा उपलबध नही करायी गयी, तब उसे बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी हालत गम्भीर हो गयी और दिन गुरूवार को पुलिसवाले उसे अधमरा अवस्था मे बीएचयू स्थित अस्पताल ले गई !

      जिससे साबित होता है कि युवक का हालत इतनी ज्यादा खराब हो गयी थी की उसे अपने जनपद के किसी सरकारी या सामान्य अस्पताल मे भर्ती कराना खतरा हो सकता है, या पुलिस जानबूझ कर जनपद के बाहर ले गये, जिससे स्थानीय स्तर पर बबाल न हो ! संलग्नक :- http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111202a_003190013&ileft=689&itop=573&zoomRatio=276&AN=20111202a_003190013

      गिरफ्तारी, हिरासत और पूछ्ताछ मे माननीय उच्चतम न्यायलय द्वारा दिये गये फैसले जो डी0के0 बसु बनाम प0 बंगाल राज्य के सन्दर्भ मे गाईड लाईंसा का सरासर उल्लघन किया गया है, 24 घण्टा से ज्यादा पुलिस हिरास्त मे रखा गया और बेरहमी से पिटाई की गयी !         

           अत: महोदय से निवेदन है कि उक्त प्रकरण को  गम्भीरता से लेते हुये दोषी पुलिस थाना पर कानूनी कार्यवाही करने के साथ गवाहो को सुरक्षा प्रदान किया जाय तथा पीडित को मुआवजा की राशि प्रदान कराने की त्वरित आदेश / निर्देश देने की कृपा करे, ताकि पीडित के साथ न्याय हो और कानून का राज स्थापित हो सके !


                                                                                                               डा0 लेनिन
 

                                                                                    (महा सचिव)

                                                    मानवाधिकार जन निगरानि समिति
                                                     एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
                                                         मोबा.न0:+91-9935599333

                                        pvchr.india@gmail.com

                                                                                                                       www.pvchr.org       

                                                                 www.pvchr.net

संलग्नक :- http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111202a_003190013&ileft=689&itop=573&zoomRatio=276&AN=20111202a_003190013