Sunday, September 30, 2012

Fwd: उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद स्थित थाना कोतवाली मे पुलिस हिरासत मे युवक की मौत के सन्दर्भ मे !



---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2012/10/1
Subject: उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद स्थित थाना कोतवाली मे पुलिस हिरासत मे युवक की मौत के सन्दर्भ मे !
To: uppcc-up@nic.in
Cc: lenin@pvchr.asia, Lenin Raghuvanshi <pvchr.india@gmail.com>


                                                                                                                                        दिनांक - 01 अक्टूबर, 2012.
सेवा मे, 
         श्रीमान पुलिस महानिदेशक,
         उत्तर प्रदेश - लखनऊ ! 

विषय - उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद स्थित थाना कोतवाली मे पुलिस हिरासत मे युवक की मौत के सन्दर्भ मे !

महोदय,
         हम आपका ध्यान विषयक के सन्दर्भ आकृष्ट कराना चन्हुंगा, मृतक दीपक यादव को चेन स्नेचिंग के मामले मे हिरासत मे लेकर प्रताडित किये, जिससे उनकी मौत हो गयी ! 
(कृप्या संलग्नक देखे - http://www.rashtriyasahara.com/epapermain.aspx?queryed=22&eddate=09%2f30%2f2012 )
   
       अत: आपके निवेदन है कि मामले मे संज्ञान लेते हुए उचित कानूनी कार्यवाही करने के साथ पीडित परिजन को सुरक्षा व मुआवजा प्रदान कराने की कृपा करे !

भवदीय


(डा0 लेनिन)
महासचिव
मानवाधिकार जन निगरानी समिति, 
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी - 221002,
उत्तर प्रदेश - भारत ! 

मो0 - +91-9935599333.
ई - मेल - lenin@pvchr.asia

संलग्नक -  

हिरासत में युवक की मौत

बरेली (एसएनबी)। सपा नेता राजीव यादव के भाई दीपक यादव की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। कोतवाली पुलिस चेन स्नेचिंग के एक मामले में उसे पूछताछ के लिए लायी थी। इस घटना से नाराज सपाइयों ने शनिवार की सुबह जिलाधिकारी आवास पर हंगामा किया। पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव व महामंत्री प्रमोद विष्ट द्वारा कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाने पर लोग शांत हुए। जिलाधिकारी ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं। उधर थाना कोतवाली में मृतक दीपक के पिता की ओर से दी गयी तहरीर में कोतवाली निरीक्षक वीरेन्द्र सिंह यादव व सिपाही रूम सिंह तथा मुकेश गिरि के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। एसएसपी सत्येन्द्र वीर सिंह ने तीनों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।

--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:-  +91-9935599338

Please Visit :-
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--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
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Fwd: उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद स्थित थाना कोतवाली मे पुलिस हिरासत मे युवक की मौत के सन्दर्भ मे !



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From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2012/10/1
Subject: उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद स्थित थाना कोतवाली मे पुलिस हिरासत मे युवक की मौत के सन्दर्भ मे !
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com, covdnhrc@nic.in
Cc: lenin@pvchr.asia, Lenin Raghuvanshi <pvchr.india@gmail.com>


                                                                                                                                       दिनांक - 01 अक्टूबर, 2012.
सेवा मे, 
         श्रीमान अध्यक्ष,
         राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
         नई दिल्ली - भारत ! 

विषय - उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद स्थित थाना कोतवाली मे पुलिस हिरासत मे युवक की मौत के सन्दर्भ मे !

महोदय,
         हम आपका ध्यान विषयक के सन्दर्भ आकृष्ट कराना चन्हुंगा, मृतक दीपक यादव को चेन स्नेचिंग के मामले मे हिरासत मे लेकर प्रताडित किये, जिससे उनकी मौत हो गयी ! 
(कृप्या संलग्नक देखे - http://www.rashtriyasahara.com/epapermain.aspx?queryed=22&eddate=09%2f30%2f2012 )
   
       अत: आपके निवेदन है कि मामले मे संज्ञान लेते हुए उचित कानूनी कार्यवाही करने के साथ पीडित परिजन को सुरक्षा व मुआवजा प्रदान कराने की कृपा करे !

भवदीय


(डा0 लेनिन)
महासचिव
मानवाधिकार जन निगरानी समिति, 
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी - 221002,
उत्तर प्रदेश - भारत ! 

मो0 - +91-9935599333.
ई - मेल - lenin@pvchr.asia

संलग्नक -  

हिरासत में युवक की मौत

बरेली (एसएनबी)। सपा नेता राजीव यादव के भाई दीपक यादव की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। कोतवाली पुलिस चेन स्नेचिंग के एक मामले में उसे पूछताछ के लिए लायी थी। इस घटना से नाराज सपाइयों ने शनिवार की सुबह जिलाधिकारी आवास पर हंगामा किया। पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव व महामंत्री प्रमोद विष्ट द्वारा कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाने पर लोग शांत हुए। जिलाधिकारी ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं। उधर थाना कोतवाली में मृतक दीपक के पिता की ओर से दी गयी तहरीर में कोतवाली निरीक्षक वीरेन्द्र सिंह यादव व सिपाही रूम सिंह तथा मुकेश गिरि के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। एसएसपी सत्येन्द्र वीर सिंह ने तीनों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।

--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:-  +91-9935599338

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--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
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Sunday, September 9, 2012

राज्य - उडीसा, जिला - केन्द्रपडा, थाना - राजनगर मे अनुसूचित जाति के 15 वर्षीय नाबालिक लडके को पुलिस द्वारा पुलिस हिरासत मे सार्वजनिक रूप से पिटाई करना, लडके की हालात गम्भीर होने के सन्दर्भ मे !




                                                                                                                    दिनांक : - 10 सितम्बर, 2012
सेवा मे,
     श्रीमान अध्यक्ष,                                
     राष्ट्रीय मानव अधिकार अयोग,               
     नई दिल्ली - भारत !                              
 
विषय - अनुसूचित जाति के 15 वर्षीय नाबालिक लडके को पुलिस द्वारा पुलिस हिरासत मे सार्वजनिक रूप से पिटाई करना, लडके की हालात गम्भीर होने के सन्दर्भ मे !

महोदय / महोदया,

हम आपका ध्यान विषयक के सम्बन्ध मे आकृष्ट कराना चन्हुंगा, जिन्हे राज्य - उडीसा, जिला - केन्द्रपडा, थाना - राजनगर के पुलिस कर्मी ने लाढी से मार - मार कर बेहाल लर दिया, जिसे स्थानीय अस्पताल मे भर्ती कराया गया है ! 
 
विदित हो की आपसी झगडा होने के बाद विपक्षी द्वारा थाना मे रिपोर्ट किया गया, जिस पर पीडित के पिता को पुलिस उठा कर ले गयी, वहा सभी गांव वालो के सामने समझौता हो गया, लेकिन एस. आई. ने नाबालिक लडके को भी थाने मे हाज़िर करने के लिए दबाब बनाये और पुलिसकर्मियो को भेजे ! पुलिस कर्मी पीडित को थाना उठा ले आये !

वह अभी अपनी आपबीति बता ही रहा था की एस. आई. वही रखी लाठी से बच्चे पर लाठी का बरसात कर दिया, जिससे वह वही निढाल हो गया ! वहा पर उसके पिता और गांव के कई लोंग उपस्थित थे ! 
 
समझौता होने वाली स्थिति मे पुलिस द्वारा यह कहर ढाया गया, जो पुलिस की क्रूरता को दर्शाती है ! 
 
महोदय, किसी भी नाबालिक को थाना मे हाज़िर करना या करवाना गैर कानूनी कृत्य के साथ ही किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन भी है, यहा तो बच्चे के साथ सार्वजनिक रूप से पिटाई कर बेसुध कर दिया गया !


अत: आपसे अनुरोध है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप कर न्याययोचित कानूनी कार्यवाही करते हुए पीडित व परिजनो एवम गवाहो को सुरक्षा के साथ मामले मे उचित मुआवजा प्रदान कराने की कृपा करे !
 
 संलग्नक : - 
1. Fact Finding report 
2. FIR Copy
3. Age Certificate 


भवदीय,
 
(डा0 लेनिन)
महासचिव,
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी,
उ0प्र0 - 221002, भारत !
 
मो0 - +91-9935599333.
ई मेल - lenin@pvchr.asia,

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Wednesday, September 5, 2012

re: death of prisoner in hospital in Aligarh district of Uttar Pradesh


---------- Forwarded message ----------
From: Shabana - <shabana@pvchr.asia>
Date: 2012/9/5
Subject: re: death of prisoner in hospital in Aligarh district of Uttar Pradesh
To: covdnhrc@nic.in, jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: "Dr. Lenin Raghuvanshi" <lenin@pvchr.asia>

To,
The Chairperson

National Human Rights Commission
New Delhi


Dear Sir,


I want to bring in your kind attention towards news published in e- daily Hindi newspaper Jagan on 5 September, 2012 regarding "अस्पताल में कैदी की मौत" http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_9635712.html


अस्पताल में कैदी की मौत

 Sep 05, 01:52 am

बताएं



- जिला जेल में बिगड़ी थी हालत
- अपहरण में काट रहा था उम्रकैद
- मूल रूप से हरियाणा निवासी था

वरिष्ठ संवाददाता, अलीगढ़ : जिला जेल में सोमवार रात एक कैदी की हालत बिगड़ गई। उसे मलखान सिंह जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। कैदी अपहरण के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था और मूल रूप में करनाल (हरियाणा) का रहने वाला था।

करनाल में सदर बाजार गली नंबर-2 के मकान नंबर-596 में रहने वाले सम्राट उर्फ हरी सिंह (58) पुत्र धर्मपाल सिंह को अपहरण के मामले में 1992 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। यह अपहरण यहां क्वार्सी क्षेत्र से हुआ था। उम्रकैद की सजा होने पर सम्राट को आगरा की जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। उसके बाद पिछले साल 25 जुलाई को उसे फिर से अलीगढ़ भेज दिया गया था। कई महीनों से सम्राट को खांसी थी और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जेल प्रशासन ने एक्सरे कराया तो उसके फेफड़े में इंफेक्शन पाया गया। उसके बाद उसका इलाज मेडिकल कालेज के डाक्टरों से भी कराया गया मगर हालत में सुधार नहीं हुआ। सोमवार रात हालत और बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां रात ढाई बजे सम्राट ने दम तोड़ दिया। मौत की सूचना पर बन्नादेवी पुलिस पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम गृह भेजा। देर शाम पोस्टमार्टम हो गया। सम्राट की बहन आगरा में रहती है। उसे सूचना देने के लिए जेल प्रशासन की ओर एक संदेशवाहक आगरा भेजा गया है।

वर्जन..
कैदी सम्राट टीबी से पीड़ित था। उसका इलाज चल रहा था। रात में हालत और बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौैत हो गई।

- शिव प्रकाश यादव, जेल अधीक्षक
इनसेट..

जेल में फैल रही टीबी

डेढ़ साल में नौ की मौत

अलीगढ़ : जेल में टीबी पिछले डेढ़ साल में नौ लोगों को निगल चुका है। जेल में फिलहाल इसके उपचार की व्यवस्था नहीं है, न ही इसके रोकथाम का उपाय। सोमवार रात उम्रकैद की सजा काट रहे सम्राट की जिला अस्पताल में इसी रोग से मौत हो गई। तबसे कैदियों में इस रोग से खौफ बढ़ गया है क्योंकि यह रोग साथ उठने-बैठने से हो जाता है। जेल की बैरक में रहने वाले एक साथ बैठते और सोते हैं। उनको आशंका होने लगी है कि कहीं वह भी इस रोग की चपेट में न आ जाएं।

जेल प्रशासन सावधानी नहीं बरत रहा है, इस कारण बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है। आंकड़े बताते है कि 2012 में अबतक चार कैदियों की टीबी से मौत हो चुकी है, 2011 में पांच की मौत हुई थी। जेल में इसकी रोक के मुकम्मल इंतजाम नहीं है। जेल प्रशासन को बाहर के डाक्टरों का सहारा लेना पड़ता है। जेल अधीक्षक का कहना है कि इस साल टीबी से चार लोग मरे हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए जेल में टीबी रोग विशेषज्ञ नहीं है, बाहर से मदद ली जाती है।

इनका कहना है..

बैक्टीरिया फैलने से किसी को भी टीबी हो सकती है। पास में बैठने पर भी यह रोग फैल जाता है। ग्रुप में बैठने वालों को अपनी चपेट में ले सकता है।

- डा. सीएस सबरवाल, जिला क्षय अधिकारी


Therefore it is a kind request please take appropriate action at earliest. I request you to ask the state government for instituting a judicial inquiry under Crpc 176(1A). NHRC should also find out whether the videography of the postmortem and the report has been submitted or not. PVCHR demands that the victims family must be provided with financial compensation immediately.


Thanking You


Sincerely Yours

 
Lenin Raghuvanshi
Secretary General
Peoples' Vigilance Committee on Human Rights
Sa 4/2 A Daulatpur, Varanasi - 221002
Mobile No: +91-9935599333

Sunday, September 2, 2012

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के नौ थानो के निष्प्रयोज्य भवन घोषित होने के बाद भी किया जा रहा प्रयोग के सम्बन्ध मे !

सेवा मे,                                                                             दिनांक : - 3 सितम्बर, 2012. 

श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली

विषय : - उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के नौ थानो के निष्प्रयोज्य भवन घोषित होने के बाद भी किया जा रहा प्रयोग के सम्बन्ध मे !

महोदय,

हम आपका ध्यान विषयक के सन्दर्भ मे आकृष्ट कराना चान्हुंगा, जनपद के नौ थानो मे कार्यरत पुलिसकर्मियो और फरियाद सुनाते लोंगो के सिर पर जान का खतरा मंडरा रहा है, ये "निष्प्रयोज्य भवन" कभी भी गिर सकती है !
विदित हो की 1851 व अज़ादी से पूर्व मे बने थाना भवनो को न रहने लायक स्थिति कई वर्षो पूर्व घोषित किया जा चुका है, जिसमे रोहनिया, लंका (1976), रामनगर, चेतगंज, कैण्ट, मडुवाडीह, चौक, मिर्जामुराद व फूलपुर थाने है शामिल है ! इसे पुलिस आधुनिकीकरण योजना मे भी शामिल कर लिया गया है, लेकिन लोक निर्माण विभाग और सम्बन्धित विभाग की खिचातानी से कभी भी जानलेवा घटना घट सकती है ! दो सालो से पुलिस विभाग कई बार फाइल भेज चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है ! मामले मे हिला - हवाली की जा रही है !

संलग्नक : - http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=40&edition=2012-08-28&pageno=5#id=111748773972590496_40_2012-08-28

अत: आपके अनुरोध है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करने की कृपा करे !

भवदीय

(डा0 लेनिन)
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वराणसी,
उत्तर प्रदेश - भारत, 221002.
मो0न0- +91-9935599333.
ई-मेल - lenin@pvchr.asia.

संलग्ंक : - http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=40&edition=2012-08-28&pageno=5#id=111748773972590496_40_2012-08-28
नौ थानों की फोर्स पर मंडरा रहा खतराविकास बागी वाराणसी : जनपद के नौ थानाध्यक्षों व उनके जवानों के सिर पर जान का खतरा मंडरा रहा है। यह डर उन्हें हमेशा सताता रहता है कि जिस छत के नीचे वे बैठकर कानून-व्यवस्था की कमान संभालते हैं और लोगों की फरियाद सुनते हैं वह कभी भी गिर सकती है। जी हां, 1851 में बने रोहनियां थाना समेत जनपद के 9 थाना भवनों को निष्प्रयोज्य (न रहने लायक) घोषित किया जा चुका है। रोहनियां के अलावा लंका, रामनगर, चेतगंज, कैंट, मंडुवाडीह, चौक, मिर्जामुराद व फूलपुर थाना भवनों को दो वर्ष पूर्व ही लाल झंडी दिखाई जा चुकी है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि निष्प्रयोज्य थाना भवनों के स्थान पर नए भवन बनने हैं। पुलिस आधुनिकीकरण योजना में इसे शामिल भी कर लिया गया है लेकिन लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के चलते मामला अटका है। लोक निर्माण को कई बार पत्र लिखा जा चुका है कि वे निष्प्रयोज्य थाना भवनों का क्षरण मूल्य नहीं निकाल रहे हैं। नियमानुसार निष्प्रयोज्य भवन का क्षरण मूल्य निकालने के बाद ही नए भवन का इस्टीमेट तैयार हो सकता है। बताया कि बहुत कोशिश के बाद गत दिनों विभाग ने मिर्जामुराद थाने का 72 हजार व फूलपुर थाना भवन का 1 लाख 22 हजार 360 रुपये मूल्य निकाला। शेष सात थाना भवन अब भी आकलन को बाकी हैं। इसके पीछे की वजह पूछने पर कहा निर्माण उन्हें ही करना है और भवन भी मजबूत बनाना है। ऐसे में उनकी दुविधा आप समझ सकते हैं। जनपद में कब कौन थाना भवन बना और आज के दिन में उनकी स्थिति रोहनियां (1851) : थाना प्रभारी कक्ष, शौचालय, मालगृह, जीपी स्टोर, प्रथम टाइप आवास, वरिष्ठ उपनिरीक्षक व हेड मुहर्रिर आवास अत्यंत जीर्ण-शीर्ण। दो बैरक छोड़कर पूरा थाना भवन कंडम। कैंट (1885) : दीवारों में दरार, जर्जर कार्यालय, विवेचना कक्ष, थानाध्यक्ष कक्ष, शौचालय, फुलवरिया कक्ष, आवास जर्जर। हवालात, महिला सेल की भी हालत खराब। चेतगंज (1902) : सुर्खी-चूना के मिश्रण से निर्मित भवन की छत में लगा गाटर-पटिया सड़ चुके हैं। छत से पानी टपक रहा है। बैरक, एसओ कार्यालय, मेस, उप निरीक्षक कक्ष की दशा खराब, मरम्मत योग्य नहीं। रामनगर (1932) : लखौरी ईट-पटिया से बना भवन कई जगह से टूट गया है। पानी का रिसाव होता है। थानाध्यक्ष आवास, शौचालय, बैरक टूटा-फूटा। लंका (1976) : छत व दीवारों में दरार पड़ गई है। भोजनालय, एसओ / एसआई आवास जीर्ण-शीर्ण। मंडुवाडीह (1929) : बंदीगृह, मालखाना, बैरक, आवास, एसओ कक्ष, शौचालय का प्लास्टर उखड़ गया है। छत से पानी टपकता है। मरम्मत योग्य नहीं। अधिक समय तक उपयोग नहीं किया जा सकता। चौक (1904) : सुर्खी-चूना से बने दो मंजिला भवन की अवधि समाप्त हो चुकी है। एसओ कक्ष, हवालात, कोठरी, भोजनालय, शौचालय की हालत खस्ता। फर्श व दीवारें उखड़ चुकी है। भवन का प्रयोग किया जाना सुरक्षित नहीं है। मिर्जामुराद (1939) : थाना भवन जर्जर हो चुका है। एसओ कक्ष से लेकर अन्य जवानों के कक्ष जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। छत से पानी टपकता है। भवन कार्य योग्य नहीं है। फूलपुर (1885) : फूलपुर थाना भवन अपनी अवधि पूरी कर चुका है। एसओ कक्ष, शौचालय, बैरक आदि की हालत बेहद खराब है।


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उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के नौ थानो के निष्प्रयोज्य भवन घोषित होने के बाद भी किया जा रहा प्रयोग के सम्बन्ध मे !

सेवा मे,                                                                                  दिनांक : - 3 सितम्बर, 2012. 
श्रीमान पुलिस महानिदेशक,  
उत्तर प्रदेश - लखनऊ

विषय : - उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के नौ थानो के निष्प्रयोज्य भवन घोषित होने के बाद भी किया जा रहा प्रयोग के सम्बन्ध मे !

महोदय,
हम आपका ध्यान विषयक के सन्दर्भ मे आकृष्ट कराना चान्हुंगा, जनपद के नौ थानो मे कार्यरत पुलिसकर्मियो और फरियाद सुनाते लोंगो के सिर पर जान का खतरा मंडरा रहा है, ये "निष्प्रयोज्य भवन" कभी भी गिर सकती है !
विदित हो की 1851 व अज़ादी से पूर्व मे बने थाना भवनो को न रहने लायक स्थिति कई वर्षो पूर्व घोषित किया जा चुका है, जिसमे रोहनिया, लंका (1976), रामनगर, चेतगंज, कैण्ट, मडुवाडीह, चौक, मिर्जामुराद व फूलपुर थाने है शामिल है ! इसे पुलिस आधुनिकीकरण योजना मे भी शामिल कर लिया गया है, लेकिन लोक निर्माण विभाग और सम्बन्धित विभाग की खिचातानी से कभी भी जानलेवा घटना घट सकती है ! दो सालो से पुलिस विभाग कई बार फाइल भेज चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है ! मामले मे हिला - हवाली की जा रही है !

संलग्नक : - http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=40&edition=2012-08-28&pageno=5#id=111748773972590496_40_2012-08-28

अत: आपके अनुरोध है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करने की कृपा करे !

भवदीय

(डा0 लेनिन)
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वराणसी,
उत्तर प्रदेश - भारत, 221002.
मो0न0- +91-9935599333.
ई-मेल - lenin@pvchr.asia.

संलग्ंक : - http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=40&edition=2012-08-28&pageno=5#id=111748773972590496_40_2012-08-28
नौ थानों की फोर्स पर मंडरा रहा खतराविकास बागी वाराणसी : जनपद के नौ थानाध्यक्षों व उनके जवानों के सिर पर जान का खतरा मंडरा रहा है। यह डर उन्हें हमेशा सताता रहता है कि जिस छत के नीचे वे बैठकर कानून-व्यवस्था की कमान संभालते हैं और लोगों की फरियाद सुनते हैं वह कभी भी गिर सकती है। जी हां, 1851 में बने रोहनियां थाना समेत जनपद के 9 थाना भवनों को निष्प्रयोज्य (न रहने लायक) घोषित किया जा चुका है। रोहनियां के अलावा लंका, रामनगर, चेतगंज, कैंट, मंडुवाडीह, चौक, मिर्जामुराद व फूलपुर थाना भवनों को दो वर्ष पूर्व ही लाल झंडी दिखाई जा चुकी है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि निष्प्रयोज्य थाना भवनों के स्थान पर नए भवन बनने हैं। पुलिस आधुनिकीकरण योजना में इसे शामिल भी कर लिया गया है लेकिन लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के चलते मामला अटका है। लोक निर्माण को कई बार पत्र लिखा जा चुका है कि वे निष्प्रयोज्य थाना भवनों का क्षरण मूल्य नहीं निकाल रहे हैं। नियमानुसार निष्प्रयोज्य भवन का क्षरण मूल्य निकालने के बाद ही नए भवन का इस्टीमेट तैयार हो सकता है। बताया कि बहुत कोशिश के बाद गत दिनों विभाग ने मिर्जामुराद थाने का 72 हजार व फूलपुर थाना भवन का 1 लाख 22 हजार 360 रुपये मूल्य निकाला। शेष सात थाना भवन अब भी आकलन को बाकी हैं। इसके पीछे की वजह पूछने पर कहा निर्माण उन्हें ही करना है और भवन भी मजबूत बनाना है। ऐसे में उनकी दुविधा आप समझ सकते हैं। जनपद में कब कौन थाना भवन बना और आज के दिन में उनकी स्थिति रोहनियां (1851) : थाना प्रभारी कक्ष, शौचालय, मालगृह, जीपी स्टोर, प्रथम टाइप आवास, वरिष्ठ उपनिरीक्षक व हेड मुहर्रिर आवास अत्यंत जीर्ण-शीर्ण। दो बैरक छोड़कर पूरा थाना भवन कंडम। कैंट (1885) : दीवारों में दरार, जर्जर कार्यालय, विवेचना कक्ष, थानाध्यक्ष कक्ष, शौचालय, फुलवरिया कक्ष, आवास जर्जर। हवालात, महिला सेल की भी हालत खराब। चेतगंज (1902) : सुर्खी-चूना के मिश्रण से निर्मित भवन की छत में लगा गाटर-पटिया सड़ चुके हैं। छत से पानी टपक रहा है। बैरक, एसओ कार्यालय, मेस, उप निरीक्षक कक्ष की दशा खराब, मरम्मत योग्य नहीं। रामनगर (1932) : लखौरी ईट-पटिया से बना भवन कई जगह से टूट गया है। पानी का रिसाव होता है। थानाध्यक्ष आवास, शौचालय, बैरक टूटा-फूटा। लंका (1976) : छत व दीवारों में दरार पड़ गई है। भोजनालय, एसओ / एसआई आवास जीर्ण-शीर्ण। मंडुवाडीह (1929) : बंदीगृह, मालखाना, बैरक, आवास, एसओ कक्ष, शौचालय का प्लास्टर उखड़ गया है। छत से पानी टपकता है। मरम्मत योग्य नहीं। अधिक समय तक उपयोग नहीं किया जा सकता। चौक (1904) : सुर्खी-चूना से बने दो मंजिला भवन की अवधि समाप्त हो चुकी है। एसओ कक्ष, हवालात, कोठरी, भोजनालय, शौचालय की हालत खस्ता। फर्श व दीवारें उखड़ चुकी है। भवन का प्रयोग किया जाना सुरक्षित नहीं है। मिर्जामुराद (1939) : थाना भवन जर्जर हो चुका है। एसओ कक्ष से लेकर अन्य जवानों के कक्ष जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। छत से पानी टपकता है। भवन कार्य योग्य नहीं है। फूलपुर (1885) : फूलपुर थाना भवन अपनी अवधि पूरी कर चुका है। एसओ कक्ष, शौचालय, बैरक आदि की हालत बेहद खराब है।



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उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के नौ थानो के निष्प्रयोज्य भवन घोषित होने के बाद भी किया जा रहा प्रयोग के सम्बन्ध मे !

सेवा मे,                                                                      दिनांक : - 3 सितम्बर, 2012 

माननीय मुख्य मंत्री 
उत्तर प्रदेश शासन - लखनऊ 
उत्तर प्रदेश - लखनऊ 

विषय : - उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के नौ थानो के निष्प्रयोज्य भवन घोषित होने के बाद भी किया जा रहा प्रयोग के सम्बन्ध मे !

महोदय,

हम आपका ध्यान विषयक के सन्दर्भ मे आकृष्ट कराना चान्हुंगा, जनपद के नौ थानो मे कार्यरत पुलिसकर्मियो और फरियाद सुनाते लोंगो के सिर पर जान का खतरा मंडरा रहा है, ये "निष्प्रयोज्य भवन" कभी भी गिर सकती है !
विदित हो की 1851 व अज़ादी से पूर्व मे बने थाना भवनो को न रहने लायक स्थिति कई वर्षो पूर्व घोषित किया जा चुका है, जिसमे रोहनिया, लंका (1976), रामनगर, चेतगंज, कैण्ट, मडुवाडीह, चौक, मिर्जामुराद व फूलपुर थाने है शामिल है ! इसे पुलिस आधुनिकीकरण योजना मे भी शामिल कर लिया गया है, लेकिन लोक निर्माण विभाग और सम्बन्धित विभाग की खिचातानी से कभी भी जानलेवा घटना घट सकती है ! दो सालो से पुलिस विभाग कई बार फाइल भेज चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है ! मामले मे हिला - हवाली की जा रही है !

संलग्नक : - http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=40&edition=2012-08-28&pageno=5#id=111748773972590496_40_2012-08-28

अत: आपके अनुरोध है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करने की कृपा करे !

भवदीय

(डा0 लेनिन)
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वराणसी,
उत्तर प्रदेश - भारत, 221002.
मो0न0- +91-9935599333.
ई-मेल - lenin@pvchr.asia.

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नौ थानों की फोर्स पर मंडरा रहा खतराविकास बागी वाराणसी : जनपद के नौ थानाध्यक्षों व उनके जवानों के सिर पर जान का खतरा मंडरा रहा है। यह डर उन्हें हमेशा सताता रहता है कि जिस छत के नीचे वे बैठकर कानून-व्यवस्था की कमान संभालते हैं और लोगों की फरियाद सुनते हैं वह कभी भी गिर सकती है। जी हां, 1851 में बने रोहनियां थाना समेत जनपद के 9 थाना भवनों को निष्प्रयोज्य (न रहने लायक) घोषित किया जा चुका है। रोहनियां के अलावा लंका, रामनगर, चेतगंज, कैंट, मंडुवाडीह, चौक, मिर्जामुराद व फूलपुर थाना भवनों को दो वर्ष पूर्व ही लाल झंडी दिखाई जा चुकी है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि निष्प्रयोज्य थाना भवनों के स्थान पर नए भवन बनने हैं। पुलिस आधुनिकीकरण योजना में इसे शामिल भी कर लिया गया है लेकिन लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के चलते मामला अटका है। लोक निर्माण को कई बार पत्र लिखा जा चुका है कि वे निष्प्रयोज्य थाना भवनों का क्षरण मूल्य नहीं निकाल रहे हैं। नियमानुसार निष्प्रयोज्य भवन का क्षरण मूल्य निकालने के बाद ही नए भवन का इस्टीमेट तैयार हो सकता है। बताया कि बहुत कोशिश के बाद गत दिनों विभाग ने मिर्जामुराद थाने का 72 हजार व फूलपुर थाना भवन का 1 लाख 22 हजार 360 रुपये मूल्य निकाला। शेष सात थाना भवन अब भी आकलन को बाकी हैं। इसके पीछे की वजह पूछने पर कहा निर्माण उन्हें ही करना है और भवन भी मजबूत बनाना है। ऐसे में उनकी दुविधा आप समझ सकते हैं। जनपद में कब कौन थाना भवन बना और आज के दिन में उनकी स्थिति रोहनियां (1851) : थाना प्रभारी कक्ष, शौचालय, मालगृह, जीपी स्टोर, प्रथम टाइप आवास, वरिष्ठ उपनिरीक्षक व हेड मुहर्रिर आवास अत्यंत जीर्ण-शीर्ण। दो बैरक छोड़कर पूरा थाना भवन कंडम। कैंट (1885) : दीवारों में दरार, जर्जर कार्यालय, विवेचना कक्ष, थानाध्यक्ष कक्ष, शौचालय, फुलवरिया कक्ष, आवास जर्जर। हवालात, महिला सेल की भी हालत खराब। चेतगंज (1902) : सुर्खी-चूना के मिश्रण से निर्मित भवन की छत में लगा गाटर-पटिया सड़ चुके हैं। छत से पानी टपक रहा है। बैरक, एसओ कार्यालय, मेस, उप निरीक्षक कक्ष की दशा खराब, मरम्मत योग्य नहीं। रामनगर (1932) : लखौरी ईट-पटिया से बना भवन कई जगह से टूट गया है। पानी का रिसाव होता है। थानाध्यक्ष आवास, शौचालय, बैरक टूटा-फूटा। लंका (1976) : छत व दीवारों में दरार पड़ गई है। भोजनालय, एसओ / एसआई आवास जीर्ण-शीर्ण। मंडुवाडीह (1929) : बंदीगृह, मालखाना, बैरक, आवास, एसओ कक्ष, शौचालय का प्लास्टर उखड़ गया है। छत से पानी टपकता है। मरम्मत योग्य नहीं। अधिक समय तक उपयोग नहीं किया जा सकता। चौक (1904) : सुर्खी-चूना से बने दो मंजिला भवन की अवधि समाप्त हो चुकी है। एसओ कक्ष, हवालात, कोठरी, भोजनालय, शौचालय की हालत खस्ता। फर्श व दीवारें उखड़ चुकी है। भवन का प्रयोग किया जाना सुरक्षित नहीं है। मिर्जामुराद (1939) : थाना भवन जर्जर हो चुका है। एसओ कक्ष से लेकर अन्य जवानों के कक्ष जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। छत से पानी टपकता है। भवन कार्य योग्य नहीं है। फूलपुर (1885) : फूलपुर थाना भवन अपनी अवधि पूरी कर चुका है। एसओ कक्ष, शौचालय, बैरक आदि की हालत बेहद खराब है।

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के नौ थानो के निष्प्रयोज्य भवन घोषित होने के बाद भी किया जा रहा प्रयोग के सम्बन्ध मे !

सेवा मे,                                                                                                   दिनांक : - 3 सितम्बर, 2012. 
गृह मंत्री  भारत सरकार, 
नई दिल्ली - भारत

विषय : - उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के नौ थानो के निष्प्रयोज्य भवन घोषित होने के बाद भी किया जा रहा प्रयोग के सम्बन्ध मे !

महोदय,

हम आपका ध्यान विषयक के सन्दर्भ मे आकृष्ट कराना चान्हुंगा, जनपद के नौ थानो मे कार्यरत पुलिसकर्मियो और फरियाद सुनाते लोंगो के सिर पर जान का खतरा मंडरा रहा है, ये "निष्प्रयोज्य भवन" कभी भी गिर सकती है !
विदित हो की 1851 व अज़ादी से पूर्व मे बने थाना भवनो को न रहने लायक स्थिति कई वर्षो पूर्व घोषित किया जा चुका है, जिसमे रोहनिया, लंका (1976), रामनगर, चेतगंज, कैण्ट, मडुवाडीह, चौक, मिर्जामुराद व फूलपुर थाने है शामिल है ! इसे पुलिस आधुनिकीकरण योजना मे भी शामिल कर लिया गया है, लेकिन लोक निर्माण विभाग और सम्बन्धित विभाग की खिचातानी से कभी भी जानलेवा घटना घट सकती है ! दो सालो से पुलिस विभाग कई बार फाइल भेज चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है ! मामले मे हिला - हवाली की जा रही है !

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अत: आपके अनुरोध है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करने की कृपा करे !

भवदीय

(डा0 लेनिन)
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वराणसी,
उत्तर प्रदेश - भारत, 221002.
मो0न0- +91-9935599333.
ई-मेल - lenin@pvchr.asia.

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नौ थानों की फोर्स पर मंडरा रहा खतराविकास बागी वाराणसी : जनपद के नौ थानाध्यक्षों व उनके जवानों के सिर पर जान का खतरा मंडरा रहा है। यह डर उन्हें हमेशा सताता रहता है कि जिस छत के नीचे वे बैठकर कानून-व्यवस्था की कमान संभालते हैं और लोगों की फरियाद सुनते हैं वह कभी भी गिर सकती है। जी हां, 1851 में बने रोहनियां थाना समेत जनपद के 9 थाना भवनों को निष्प्रयोज्य (न रहने लायक) घोषित किया जा चुका है। रोहनियां के अलावा लंका, रामनगर, चेतगंज, कैंट, मंडुवाडीह, चौक, मिर्जामुराद व फूलपुर थाना भवनों को दो वर्ष पूर्व ही लाल झंडी दिखाई जा चुकी है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि निष्प्रयोज्य थाना भवनों के स्थान पर नए भवन बनने हैं। पुलिस आधुनिकीकरण योजना में इसे शामिल भी कर लिया गया है लेकिन लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के चलते मामला अटका है। लोक निर्माण को कई बार पत्र लिखा जा चुका है कि वे निष्प्रयोज्य थाना भवनों का क्षरण मूल्य नहीं निकाल रहे हैं। नियमानुसार निष्प्रयोज्य भवन का क्षरण मूल्य निकालने के बाद ही नए भवन का इस्टीमेट तैयार हो सकता है। बताया कि बहुत कोशिश के बाद गत दिनों विभाग ने मिर्जामुराद थाने का 72 हजार व फूलपुर थाना भवन का 1 लाख 22 हजार 360 रुपये मूल्य निकाला। शेष सात थाना भवन अब भी आकलन को बाकी हैं। इसके पीछे की वजह पूछने पर कहा निर्माण उन्हें ही करना है और भवन भी मजबूत बनाना है। ऐसे में उनकी दुविधा आप समझ सकते हैं। जनपद में कब कौन थाना भवन बना और आज के दिन में उनकी स्थिति रोहनियां (1851) : थाना प्रभारी कक्ष, शौचालय, मालगृह, जीपी स्टोर, प्रथम टाइप आवास, वरिष्ठ उपनिरीक्षक व हेड मुहर्रिर आवास अत्यंत जीर्ण-शीर्ण। दो बैरक छोड़कर पूरा थाना भवन कंडम। कैंट (1885) : दीवारों में दरार, जर्जर कार्यालय, विवेचना कक्ष, थानाध्यक्ष कक्ष, शौचालय, फुलवरिया कक्ष, आवास जर्जर। हवालात, महिला सेल की भी हालत खराब। चेतगंज (1902) : सुर्खी-चूना के मिश्रण से निर्मित भवन की छत में लगा गाटर-पटिया सड़ चुके हैं। छत से पानी टपक रहा है। बैरक, एसओ कार्यालय, मेस, उप निरीक्षक कक्ष की दशा खराब, मरम्मत योग्य नहीं। रामनगर (1932) : लखौरी ईट-पटिया से बना भवन कई जगह से टूट गया है। पानी का रिसाव होता है। थानाध्यक्ष आवास, शौचालय, बैरक टूटा-फूटा। लंका (1976) : छत व दीवारों में दरार पड़ गई है। भोजनालय, एसओ / एसआई आवास जीर्ण-शीर्ण। मंडुवाडीह (1929) : बंदीगृह, मालखाना, बैरक, आवास, एसओ कक्ष, शौचालय का प्लास्टर उखड़ गया है। छत से पानी टपकता है। मरम्मत योग्य नहीं। अधिक समय तक उपयोग नहीं किया जा सकता। चौक (1904) : सुर्खी-चूना से बने दो मंजिला भवन की अवधि समाप्त हो चुकी है। एसओ कक्ष, हवालात, कोठरी, भोजनालय, शौचालय की हालत खस्ता। फर्श व दीवारें उखड़ चुकी है। भवन का प्रयोग किया जाना सुरक्षित नहीं है। मिर्जामुराद (1939) : थाना भवन जर्जर हो चुका है। एसओ कक्ष से लेकर अन्य जवानों के कक्ष जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। छत से पानी टपकता है। भवन कार्य योग्य नहीं है। फूलपुर (1885) : फूलपुर थाना भवन अपनी अवधि पूरी कर चुका है। एसओ कक्ष, शौचालय, बैरक आदि की हालत बेहद खराब है।

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Saturday, September 1, 2012

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के म्योरपुर कस्बा निवासी द्लित किशोरी को बेचने के सन्दर्भ मे !


                                                                                                                         दिनांक - 1 सितम्बर, 2012.

सेवा मे,
श्रीमान पुलिस महानिदेशक, 
उत्तर प्रदेश - लखनऊ 
 
विषय : - उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के म्योरपुर कस्बा निवासी द्लित किशोरी को बेचने के सन्दर्भ मे !

महोदय,
हम आपका धयान विषयक के सम्बन्ध मे आकृष्ट कराना चन्हुंगा, म्योरपुर कस्बा निवासी दलित रामरंजन की 13 वर्षीय पुत्री 13 अगस्त, 2009 को रहस्यमय हाल मे गायब की गयी, काफी तलाश के बाद भी उसका कही पता नही चला, काफी मशक्कत के बाद फरवरी, 2010 मे म्योरपुर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर सुस्त पड. गये !
विदित हो की इसी बीच पखवारे भर पूर्व रजिस्टर्ड डाक से गायब की गयी किशोरी द्वारा भेजा गया खत परिजन के यहा पहुंचा ! जिसमे उसे 45 हज़ार मे बेचने और हो रहे बुरे बर्ताव का जिक्र किया गया है, और साथ ही साथ अपनी लोकेशन वाराणसी शहर (उत्तर प्रदेश) के औरंगा मोहल्ला, सोनिया रोड दी है !

संलग्नक : - http://www.rashtriyasahara.com/epapermain.aspx?queryed=14&eddate=08%2f31%2f2012
(वाराणसी एडिशन, पेज - 8)
बेटी पाने की आस छोड. चुके मा - बाप ने खत मिलने के बाद पुलिस से उसकी बरमदगी की फरियाद लगाई, लेकिन अभी तक सुराग मिलने के बाद भी किसी प्रकार की ठोस नतीजा प्रकाश मे नही आया है !

अत: आपसे अनुरोध है की मामले मे न्यायोचित हस्तक्षेप कर त्वरित कार्यवाही करने की कृपा करे !

भवदीय

(डा0 लेनिन)
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वराणसी,
उत्तर प्रदेश - भारत - 221002.
मो0न0 - +91-9935599333,
इ-मेल - lenin@pvchr,asia



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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के म्योरपुर कस्बा निवासी द्लित किशोरी को बेचने के सन्दर्भ मे !

                                                                                                                   दिनांक - 1 सितम्बर, 2012.
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष
राष्ट्रीय अनुसिचित जाति आयोग,
नई दिल्ली - भारत !

विषय : - उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के म्योरपुर कस्बा निवासी द्लित किशोरी को बेचने के सन्दर्भ मे !

महोदय,
हम आपका धयान विषयक के सम्बन्ध मे आकृष्ट कराना चन्हुंगा, म्योरपुर कस्बा निवासी दलित रामरंजन की 13 वर्षीय पुत्री 13 अगस्त, 2009 को रहस्यमय हाल मे गायब की गयी, काफी तलाश के बाद भी उसका कही पता नही चला, काफी मशक्कत के बाद फरवरी, 2010 मे म्योरपुर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर सुस्त पड. गये !
विदित हो की इसी बीच पखवारे भर पूर्व रजिस्टर्ड डाक से गायब की गयी किशोरी द्वारा भेजा गया खत परिजन के यहा पहुंचा ! जिसमे उसे 45 हज़ार मे बेचने और हो रहे बुरे बर्ताव का जिक्र किया गया है, और साथ ही साथ अपनी लोकेशन वाराणसी शहर (उत्तर प्रदेश) के औरंगा मोहल्ला, सोनिया रोड दी है !

संलग्नक : - http://www.rashtriyasahara.com/epapermain.aspx?queryed=14&eddate=08%2f31%2f2012
(वाराणसी एडिशन, पेज - 8)
बेटी पाने की आस छोड. चुके मा - बाप ने खत मिलने के बाद पुलिस से उसकी बरमदगी की फरियाद लगाई, लेकिन अभी तक सुराग मिलने के बाद भी किसी प्रकार की ठोस नतीजा प्रकाश मे नही आया है !

अत: आपसे अनुरोध है की मामले मे न्यायोचित हस्तक्षेप कर त्वरित कार्यवाही करने की कृपा करे !

भवदीय

(डा0 लेनिन)
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वराणसी,
उत्तर प्रदेश - भारत - 221002.
मो0न0 - +91-9935599333,
इ-मेल - lenin@pvchr,asia

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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के म्योरपुर कस्बा निवासी द्लित किशोरी को बेचने के सन्दर्भ मे !



सेवा मे,                                                                                                             दिनांक 1 सितम्बर 2012 
अध्यक्षा,                                                                                                                
राष्ट्रीय महिला अयोग,
नई दिल्ली - भारत ! नई दिल्ली - भारत !

विषय : - उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के म्योरपुर कस्बा निवासी द्लित किशोरी को बेचने के सन्दर्भ मे !

महोदया,

हम आपका धयान विषयक के सम्बन्ध मे आकृष्ट कराना चन्हुंगा, म्योरपुर कस्बा निवासी दलित रामरंजन की 13 वर्षीय पुत्री 13 अगस्त, 2009 को रहस्यमय हाल मे गायब की गयी, काफी तलाश के बाद भी उसका कही पता नही चला, काफी मशक्कत के बाद फरवरी, 2010 मे म्योरपुर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर सुस्त पड. गये !
विदित हो की इसी बीच पखवारे भर पूर्व रजिस्टर्ड डाक से गायब की गयी किशोरी द्वारा भेजा गया खत परिजन के यहा पहुंचा ! जिसमे उसे 45 हज़ार मे बेचने और हो रहे बुरे बर्ताव का जिक्र किया गया है, और साथ ही साथ अपनी लोकेशन वाराणसी शहर (उत्तर प्रदेश) के औरंगा मोहल्ला, सोनिया रोड दी है !

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(वाराणसी एडिशन, पेज - 8)
बेटी पाने की आस छोड. चुके मा - बाप ने खत मिलने के बाद पुलिस से उसकी बरमदगी की फरियाद लगाई, लेकिन अभी तक सुराग मिलने के बाद भी किसी प्रकार की ठोस नतीजा प्रकाश मे नही आया है !

अत: आपसे अनुरोध है की मामले मे न्यायोचित हस्तक्षेप कर त्वरित कार्यवाही करने की कृपा करे !

भवदीय

(डा0 लेनिन)
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वराणसी,
उत्तर प्रदेश - भारत - 221002.
मो0न0 - +91-9935599333,
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                                                                                                                          दिनांक - 1 सितम्बर, 2012.
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली - भारत !

विषय : - उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के म्योरपुर कस्बा निवासी द्लित किशोरी को बेचने के सन्दर्भ मे !

महोदय,
हम आपका धयान विषयक के सम्बन्ध मे आकृष्ट कराना चन्हुंगा, म्योरपुर कस्बा निवासी दलित रामरंजन की 13 वर्षीय पुत्री 13 अगस्त, 2009 को रहस्यमय हाल मे गायब की गयी, काफी तलाश के बाद भी उसका कही पता नही चला, काफी मशक्कत के बाद फरवरी, 2010 मे म्योरपुर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर सुस्त पड. गये !
विदित हो की इसी बीच पखवारे भर पूर्व रजिस्टर्ड डाक से गायब की गयी किशोरी द्वारा भेजा गया खत परिजन के यहा पहुंचा ! जिसमे उसे 45 हज़ार मे बेचने और हो रहे बुरे बर्ताव का जिक्र किया गया है, और साथ ही साथ अपनी लोकेशन वाराणसी शहर (उत्तर प्रदेश) के औरंगा मोहल्ला, सोनिया रोड दी है !

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(वाराणसी एडिशन, पेज - 8)
बेटी पाने की आस छोड. चुके मा - बाप ने खत मिलने के बाद पुलिस से उसकी बरमदगी की फरियाद लगाई, लेकिन अभी तक सुराग मिलने के बाद भी किसी प्रकार की ठोस नतीजा प्रकाश मे नही आया है !

अत: आपसे अनुरोध है की मामले मे न्यायोचित हस्तक्षेप कर त्वरित कार्यवाही करने की कृपा करे !

भवदीय

(डा0 लेनिन)
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वराणसी,
उत्तर प्रदेश - भारत - 221002.
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