सेवा मे,
विषय :- पांच दिन से सलाखो मे कैद गैंगरेप अनुसुचित जाति की नाबालिक पीडिता, स्थानीय पुलिस - प्रशासन द्वारा मामले मे समझौता हेतु बनाया जा रहा है दबाब के सन्दर्भ मे !
महोदय,
भवदीय
( डा0 लेनिन )
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संलग्नक :- http://www.jagran.com/uttar-pradesh/meerut-city-9255178.html
मेरठ, जागरण संवाददाता : प्रदेश सरकार के एक मंत्री के दबाव के चलते सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता नाबालिग पांच दिन से महिला थाने की हवालात में कैद है। आरोपी को जेल भेजने के बजाए पुलिस समझौते के इंतजार में उसे हस्तिनापुर थाने में बैठाए हुए है। परिजन किशोरी को सुपुर्दगी में लेने के लिए पुलिस से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन बयान दर्ज करने के नाम पर खाकी मनमानी कर रही है। सोमवार को मीडिया के सक्रिय होते ही पुलिस बैकफुट पर आ गई और पीड़िता को महिला थाने से हटाकर हस्तिनापुर पुलिस के हवाले कर दिया।
हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के खोड़ दयालपुर गांव निवासी दलित परिवार की किशोरी सात मई को दोपहर में शौच के लिए जंगल गई थी। गांव के चार युवक उसे फुसलाकर ले गए। इसकी शिकायत पीड़ित परिवार ने पुलिस से की तो आरोपी पक्ष ने किशोरी को रात में छोड़ दिया। किशोरी के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया। किशोरी को मेडिकल एवं बयान दर्ज कराने के लिए महिला थाने भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही दुष्कर्म की धाराएं जोड़ी जाएंगी। दबिश देकर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। इसके बाद सत्ता का खेल शुरू हो गया।
पीड़ित किशोरी के चाचा के मुताबिक आरोपियों ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया है। इसमें एक आरोपी सपा नेता का बेटा है। इसके चलते समझौता कराने के लिए प्रदेश सरकार के मंत्री शाहिद मंजूर ने पुलिस पर दबाव बनाया। नतीजतन पुलिस ने पांच दिनों से पीड़िता को ही महिला थाने की हवालात में बंद कर रखा है। दबाव के चलते पुलिस न तो किशोरी का बयान करा रही है और न आरोपी को जेल भेज रही है। सोमवार को परिजनों ने क्षेत्र के बसपा नेता प्रशांत गौतम के साथ जब एसएसपी कार्यालय के बाहर हंगामा किया तो मामला मीडिया के संज्ञान में आया। पुलिस कार्यालय और महिला थाने पर हंगामा भी हुआ। इसके बाद मामले में उच्च अधिकारी सक्रिय हुए। एसएसपी के. सत्यनारायण ने तत्काल एसपी देहात को जांच के आदेश दिए। पीड़िता को आनन-फानन में महिला थाने से हस्तिनापुर थाने भेज दिया गया। देर रात तक पुलिस ने किशोरी को परिजनों के सुपुर्द नहीं किया था।
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