Sunita - aged 40 yrs, a bodily & psychologically handicapped lady locked without help inside the house, local police force denied to rescue & rehabilitate
दिनांक - 14 मई, 2012.
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली - भारत !
विषय :- विकलांग महिला को कई सप्ताह से घर मे कैद करने और घर मे कैद महिला को केवल देख लौटे थानाध्यक्ष के सन्दर्भ मे !
महोदय,
हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद स्थित थाना - लंका की ओर आकृष्ट कराना चन्हुंगी, जहा के थानाध्यक्ष श्री अवधेश कुमार सिह, घर मे कैद दोनो पैर से विकलांग महिला को केवल देखकर लौट गये तथा बोले - "महिला घर मे कैद है और बिल्कुल ठीक है, उसे समय - समय पर भोजन भी मिलता है, इसलिए उसे अन्दर ही छोड दिया गया है !"
मानवाधिकार की रक्षा और नैतिकता को भूलाकर पुलिस की रवैया से कल्याणकारी राज्य की संकल्पना माखौल उडाती है !
मामला यह है की वाराणसी के थाना - लंका क्षेत्र मे मोहल्ला - साकेत नगर (लंका), म. न. - B 33/36, A - 10, स्थित घर मे कैद सुश्री सुनीता, उम्र - 40 साल, पुत्री - राधेश्याम चौरसिया, को मायके के सभी परिजनो ने घर की बहू की सन्दिग्ध मौत के मामले मे फरार होने से पहले दोनो पैरो से चलने - फिरने मे अक्षम सुनीता को कमरे मे ही कैद कर भाग गये ! मुहल्ले वालो की सूचना पर थाना लंका के थानाध्यक्ष अपने हमराहियो के साथ मौके पर पहुंचे और किसी प्रकार से मकान मे दाखिल हुए तथा बाहर आने पर बोले - "महिला पूरी तरह से ठीक है, इसलिए उसे कमरे मे ही छोड दिया गया है !"
जैसा की विदित है सुनीता के पति राजेश चौरसिया बहुत पहले ही छोड चुका है, जो नाबालिक पुत्री व पुत्र के साथ मायके मे ही रह रही है !
पुलिस - प्रशासन के अमानवीय व्यवहार और संवेदन शून्य रवैया हिला - हवाली की सूचक है, दूसरी तरफ मामले मे अभी तक किसी प्रकार की पुनर्वासन की व्यवस्था नही की गयी है !
अत: श्रीमान से निवेदन है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करके पीडिता को पुनर्वासन कराते हुए पुलिस - प्रशासन के संवेदन शून्य और अमानवीय व्यवहार हेतु दिशा - निर्देश जारी करे, जिससे कल्याणकारी राज्य की संकल्पना चरितार्थ हो तथा भविष्य मे किसी वंचितो के साथ अनैतिकतापूर्ण व्यवहार नही किया जाए, जो अपकी कृपा होंगी !
भवदीय
श्रुति
(मैनेजिंग ट्र्स्टी)
मानवाधिकार जननिगरानी समिति,
सा 4/2ए., दौलतपुर, वारणसी - 221002 (उत्तर प्रदेश) - भारत
मो0 न0 - 09935599330.
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संलग्नक :-
विकलांग को कैद कर हत्यारोपी फरार
• अमर उजाला ब्यूरो
वाराणसी। दहेज हत्या के आरोपी अपनी ही परिवार की विकलांग महिला को घर में कैद फरार हो गए। मकान में बाहर से ताला बंद रहता है और महिला अंदर रहती है। आरोपी दो-तीन दिन पर खाना पहुंचाने आते हैं। शनिवार की शाम लोगों की आवाजाही से पड़ाेसियों को संदेह हुआ। मौके पर पुलिस पहुंची तो हकीकत सामने आई।
साकेत नगर के रहने वाले राधेश्याम चौरसिया की बहू किरण की 29 अप्रैल को संदिग्ध हाल में मौत हो गई थी। किरण के मायके वालों की तहरीर पर पुलिस ने किरण के पति टिन्नू, ससुर राधेश्याम समेत अन्य लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। घटना के बाद से ही राधेश्याम और टिन्नू घर छोड़ फरार हैं। राधेश्याम की बेटी 40 वर्षीया सुनीता दोनों पैरों से विकलांग है। उसका पति मुंबई में नौकरी करता है। दो बच्चों समेत वह पिता के घर ही रहती है। राधेश्याम अपने घर में सुनीता को अकेले छोड़ गया था। मकान में हमेशा बाहर से ताला बंद रहता था। परिजन दो दिन का खाना एक साथ लेकर आते और फिर चले जाते थे। शनिवार को मोहल्ले वालों को पता चला तो मामला सामने आया। सूचना के बाद मौके पर लंका थानाध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह पहुंचे थे। सुनीता का कहना था कि मुकदमा दर्ज होने के बाद परिजन उसे छोड़कर चले गए हैं। खाने का सामान पहुंचा जाते हैं।
House photos, where -
Sunita, a bodily & psychologically handicapped lady locked without help inside the house, local police force denied to rescue & rehabilitate
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