Monday, May 14, 2012

गिरफ्तारी के सन्दर्भ मे तिलैया थाना द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश डी.के. बसु बनाम प. बंगाल के उल्लघन के सबन्ध मे !

                                                                                                                                 दिनांक - 14 मई, 2012
सेवा मे,
          श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
           राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
           नई दिल्ली - भारत !
विषय :- गिरफ्तारी के सन्दर्भ मे तिलैया थाना द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश डी.के. बसु बनाम प. बंगाल के उल्लघन के सबन्ध मे !
महोदय,
          हम आपका ध्यान झारखंड के कोडरमा जिला मे स्थित तिलैया थाना की ओर आकृष्ट कराना चन्हुंगा, जहा के 10 - 15 पुलिस वालो ने रात 2 बजे दिनांक 13 मई, 2012 को पीडित बसंत दास, पुत्र - मुखलाल, निवासी - जोगनी परी - नावाडीह, पोस्ट - डोमचांच, थाना - डोमचांच, जिला - कोडरमा (झारखंड) को जबरदस्ती घर से उठाकर ले गये की मोबाईल चोरी के सम्बन्ध मे पूछ्ताछ करनी है, इसे थाना डोमचांच ले जाना है,
         दूसरे दिन जब गिरफ्तार युवक के परिजन उससे मिलने गये तब पुलिस बोला की राजेश (पीडित के बडा भाई) को हाजिर करो, तब इसे छोडेंगे, अभी तक हमलोंग इसके खिलाफ किसी भी प्रकार की कागजात तैयार नही किया है, इसलिए राजेश को दिजिए और बसंत को ले जाईए ! तत्काल मे उस युवक का पता नही चल पाया है की पुलिसवाले उसे कहा रखे है !
 
         जब यह मामला वहा के स्थानीय मानवाधिकार कार्यकर्ता द्वारा उठाया गया तब पुलिस वाले स्थानीय लोंगो द्वारा दबाब बनवा रही है. जिससे पीडित और कार्यकर्ता दोनो पर खतरा है.
 
संलग्नक देखे :- please find the attached files.
 
         उपरोक्त मामले मे निम्नलिखित गैर - कानूनी तथ्य है :-
        1) मोबाईल चोरी मे निर्दोष व्यक्ति को पकडा गया है, धारा 41(अ) सी.आर.पी.सी. के तहत 7 वर्ष तक के मामले मे सम्भावित दोषी को पुलिस द्वारा गिरफ्तारी अमानवीय और उच्चतम न्यायालय के निर्देश के विरूध्द है !  
         2) बिना वारण्ट की गिरफ्तारी की गयी है.
        3) गिरफ्तारी के सन्दर्भ मे किसी भी प्रकार से निर्देशो का पालन नही की गयी है.
        4) गिरफ्तार युवक डोमचांच थाना से सम्बन्ध रखता है, फिर उसे तिलैया थाना मे क्यो रखा गया है.
 
उपरोक्त मामले मे निम्नलिखित मांग है :-
1) निर्दोष युवक को तत्काल रिहा की जाए.
2) निर्दोष युवक एवम परिजन के साथ ही साथ वहा के मानवाधिकार कार्यकर्ता को सुरक्षा प्रदान करायी जाय.
3) मामले मे जांच कराकर दोषी थाना व पुलिस कर्मी पर कानूनी कार्यवाही की जाए, तथा अनुसुचित जाति / अनुसुचित जन जाति अधिनियम के धाराओ के अंर्तगत कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.
4) स्थानीय पुलिस और तिलैया थाना द्वारा युवक और मानवाधिकार कार्यकर्ता पर फर्जी मुकदमा लगाये जाने का डर है.   
5) इस ईलाका मे हमेशा पुलिस द्वारा गैर कानूनी ढंग से गिरफ्तारी कर डर का माहौल बनायी जाती है, 
 
 
         अत: श्रीमान से निवेदन है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करते हुए पीडित को राहत प्रदान करायी जाए और उपरोक्त मांगो के तहत कार्यवाही सुनिश्चित करने की कृपा करे !
 
भवदीय 
 
 
(डा0 लेनिन)  
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी - 221002
उत्तर प्रदेश - भारत !
 
मो0 - +91-993559933.


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