Tuesday, May 15, 2012

पांच दिन से सलाखो मे कैद गैंगरेप अनुसुचित जाति की नाबालिक पीडिता, स्थानीय पुलिस - प्रशासन द्वारा मामले मे समझौता हेतु बनाया जा रहा है दबाब के सन्दर्भ मे !


                                                                                                                                               दिनांक :- 15 मई, 2012.
सेवा मे, 
           श्रीमान अध्यक्ष,    
           राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,    
           नई दिल्ली – भारत ! 

विषय :- पांच दिन से सलाखो मे कैद गैंगरेप अनुसुचित जाति की नाबालिक पीडिता, स्थानीय पुलिस - प्रशासन द्वारा मामले मे समझौता हेतु बनाया जा रहा है दबाब के सन्दर्भ मे !

महोदय,
          हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद की ओर आकृष्ट कराना चन्हुंगा, जहा थाना हस्तिनापुर क्षेत्र मे खोड द्यालपुर गांव के नाबालिक लडकी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और पुलिस आरोपी को जेल भेजने के बजाए  समझौता के इंतजार मे थाने मे पांच दिनो से हावालत मे कैद किये हुए है !
         दुसरी तरफ परिजन सुपुर्दगी मे लेने के लिए पुलिस से गुहार लगा रहे है, लेकिन बयान लेने और मेडिकल जांच के नाम पर खाकी मनमानी कर रही है ! 07 मई, 2012 को मामला घटित हुई है और अभी तक मामले मे पीडित को ही प्रताडित किया जा रहा है, दुसरी तरफ मुकदमा दर्ज करने मे भी हिला हवाली की गयी है और आरोपी भी पांच दिनो से थाने मे बन्द है, उन्हे जेल नही भेजा गया है. 
         उच्च अधिकारी से गुहार लगाने के बाद भी पीडिता को थाने मे रखा गया है और सूचना प्राप्ति तक उसे परिजनो को सुपुर्द नही किया गया है, जैसा स्थानीय अखबार मे खबर छपी है. 
 
 
        अत: श्रीमान से निवेदन है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करते हुए पीडिता को मुक्त कराकर सुरक्षा के साथ चिकित्सकीय सुविधा एवम विशेष देखभाल, मुआवजा व पुनर्वासन करायी जाए, परिजनो और गवाहो को सुरक्षा प्रदान कराते हुए मामले मे अनुसुचित जाति / अनुसुचित जनजाति अधिनियम के तहत आरोपी और पुलिस कर्मी पर मुकदमा दायर करते हुए कार्यवाही हो तथा गिरफ्तारी के सन्दर्भ मे माननीय उच्चतम न्यायालय के डी.के. बसु बनाम प. बंगाल सरकार मे दिये गये  फैसला के निर्देशो के उल्लघन पर कार्यवाही सुनिश्चित करायी गाय !
 

भवदीय
  
( डा0 लेनिन )
महासचिव 
मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)        
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221002.
मो. - +91- 9935599333.
ईमेल – lenin@pvchr.asia

www.natt.weebly.com
www.testimony-india.blogspot.com

संलग्नक :- http://www.jagran.com/uttar-pradesh/meerut-city-9255178.html

मेरठ, जागरण संवाददाता : प्रदेश सरकार के एक मंत्री के दबाव के चलते सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता नाबालिग पांच दिन से महिला थाने की हवालात में कैद है। आरोपी को जेल भेजने के बजाए पुलिस समझौते के इंतजार में उसे हस्तिनापुर थाने में बैठाए हुए है। परिजन किशोरी को सुपुर्दगी में लेने के लिए पुलिस से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन बयान दर्ज करने के नाम पर खाकी मनमानी कर रही है। सोमवार को मीडिया के सक्रिय होते ही पुलिस बैकफुट पर आ गई और पीड़िता को महिला थाने से हटाकर हस्तिनापुर पुलिस के हवाले कर दिया।

हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के खोड़ दयालपुर गांव निवासी दलित परिवार की किशोरी सात मई को दोपहर में शौच के लिए जंगल गई थी। गांव के चार युवक उसे फुसलाकर ले गए। इसकी शिकायत पीड़ित परिवार ने पुलिस से की तो आरोपी पक्ष ने किशोरी को रात में छोड़ दिया। किशोरी के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया। किशोरी को मेडिकल एवं बयान दर्ज कराने के लिए महिला थाने भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही दुष्कर्म की धाराएं जोड़ी जाएंगी। दबिश देकर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। इसके बाद सत्ता का खेल शुरू हो गया।

पीड़ित किशोरी के चाचा के मुताबिक आरोपियों ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया है। इसमें एक आरोपी सपा नेता का बेटा है। इसके चलते समझौता कराने के लिए प्रदेश सरकार के मंत्री शाहिद मंजूर ने पुलिस पर दबाव बनाया। नतीजतन पुलिस ने पांच दिनों से पीड़िता को ही महिला थाने की हवालात में बंद कर रखा है। दबाव के चलते पुलिस न तो किशोरी का बयान करा रही है और न आरोपी को जेल भेज रही है। सोमवार को परिजनों ने क्षेत्र के बसपा नेता प्रशांत गौतम के साथ जब एसएसपी कार्यालय के बाहर हंगामा किया तो मामला मीडिया के संज्ञान में आया। पुलिस कार्यालय और महिला थाने पर हंगामा भी हुआ। इसके बाद मामले में उच्च अधिकारी सक्रिय हुए। एसएसपी के. सत्यनारायण ने तत्काल एसपी देहात को जांच के आदेश दिए। पीड़िता को आनन-फानन में महिला थाने से हस्तिनापुर थाने भेज दिया गया। देर रात तक पुलिस ने किशोरी को परिजनों के सुपुर्द नहीं किया था।


 




 

Monday, May 14, 2012

Fwd: Your Complaint to NHRC



---------- Forwarded message ----------
From: <nhrc.india@nic.in>
Date: Tue, May 8, 2012 at 6:04 PM
Subject: Your Complaint to NHRC
To: PVCHR.ADV@gmail.com


NATIONAL HUMAN RIGHTS COMMISSION
(L A W D I V I S I O N )
FARIDKOT(HOUSE)
COPERNICUS MARG, NEW DELHI - 110 001

Dated: 08/05/2012
Case No :674/20/12/2012-ed

To,
UPENDER KUMAR, COORDINATOR
DETENTION WATCH, C/O MANAVADHIKAR JAN NIGRANI SAMITI (PVCHR), SA 4/2 A, DAULATPUR, <>
VARANASI
UTTAR PRADESH

Sir / Madam,

Your complaint dated 14/03/2012, received in the Commission has been registered as Case No.674/20/12/2012-ed. Further progress made in the matter will be intimated to you in due course.
You may quote the above case number in the all future correspondence with the Commission in regard to this case.

Yours faithfully,

(Section Officer)



--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:-  +91-9935599338

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गिरफ्तारी के सन्दर्भ मे तिलैया थाना द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश डी.के. बसु बनाम प. बंगाल के उल्लघन के सबन्ध मे !

                                                                                                                                 दिनांक - 14 मई, 2012
सेवा मे,
          श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
           राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
           नई दिल्ली - भारत !
विषय :- गिरफ्तारी के सन्दर्भ मे तिलैया थाना द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश डी.के. बसु बनाम प. बंगाल के उल्लघन के सबन्ध मे !
महोदय,
          हम आपका ध्यान झारखंड के कोडरमा जिला मे स्थित तिलैया थाना की ओर आकृष्ट कराना चन्हुंगा, जहा के 10 - 15 पुलिस वालो ने रात 2 बजे दिनांक 13 मई, 2012 को पीडित बसंत दास, पुत्र - मुखलाल, निवासी - जोगनी परी - नावाडीह, पोस्ट - डोमचांच, थाना - डोमचांच, जिला - कोडरमा (झारखंड) को जबरदस्ती घर से उठाकर ले गये की मोबाईल चोरी के सम्बन्ध मे पूछ्ताछ करनी है, इसे थाना डोमचांच ले जाना है,
         दूसरे दिन जब गिरफ्तार युवक के परिजन उससे मिलने गये तब पुलिस बोला की राजेश (पीडित के बडा भाई) को हाजिर करो, तब इसे छोडेंगे, अभी तक हमलोंग इसके खिलाफ किसी भी प्रकार की कागजात तैयार नही किया है, इसलिए राजेश को दिजिए और बसंत को ले जाईए ! तत्काल मे उस युवक का पता नही चल पाया है की पुलिसवाले उसे कहा रखे है !
 
         जब यह मामला वहा के स्थानीय मानवाधिकार कार्यकर्ता द्वारा उठाया गया तब पुलिस वाले स्थानीय लोंगो द्वारा दबाब बनवा रही है. जिससे पीडित और कार्यकर्ता दोनो पर खतरा है.
 
संलग्नक देखे :- please find the attached files.
 
         उपरोक्त मामले मे निम्नलिखित गैर - कानूनी तथ्य है :-
        1) मोबाईल चोरी मे निर्दोष व्यक्ति को पकडा गया है, धारा 41(अ) सी.आर.पी.सी. के तहत 7 वर्ष तक के मामले मे सम्भावित दोषी को पुलिस द्वारा गिरफ्तारी अमानवीय और उच्चतम न्यायालय के निर्देश के विरूध्द है !  
         2) बिना वारण्ट की गिरफ्तारी की गयी है.
        3) गिरफ्तारी के सन्दर्भ मे किसी भी प्रकार से निर्देशो का पालन नही की गयी है.
        4) गिरफ्तार युवक डोमचांच थाना से सम्बन्ध रखता है, फिर उसे तिलैया थाना मे क्यो रखा गया है.
 
उपरोक्त मामले मे निम्नलिखित मांग है :-
1) निर्दोष युवक को तत्काल रिहा की जाए.
2) निर्दोष युवक एवम परिजन के साथ ही साथ वहा के मानवाधिकार कार्यकर्ता को सुरक्षा प्रदान करायी जाय.
3) मामले मे जांच कराकर दोषी थाना व पुलिस कर्मी पर कानूनी कार्यवाही की जाए, तथा अनुसुचित जाति / अनुसुचित जन जाति अधिनियम के धाराओ के अंर्तगत कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.
4) स्थानीय पुलिस और तिलैया थाना द्वारा युवक और मानवाधिकार कार्यकर्ता पर फर्जी मुकदमा लगाये जाने का डर है.   
5) इस ईलाका मे हमेशा पुलिस द्वारा गैर कानूनी ढंग से गिरफ्तारी कर डर का माहौल बनायी जाती है, 
 
 
         अत: श्रीमान से निवेदन है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करते हुए पीडित को राहत प्रदान करायी जाए और उपरोक्त मांगो के तहत कार्यवाही सुनिश्चित करने की कृपा करे !
 
भवदीय 
 
 
(डा0 लेनिन)  
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी - 221002
उत्तर प्रदेश - भारत !
 
मो0 - +91-993559933.


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विकलांग महिला को कई सप्ताह से घर मे कैद करने और घर मे कैद महिला को केवल देख लौटे थानाध्यक्ष के सन्दर्भ मे ! Sunita, a bodily & psychologically handicapped lady locked without help inside the house, local police force denied to rescue & rehabilitate


Photos: -
Sunita - aged 40 yrs, a bodily & psychologically handicapped lady locked without help inside the house, local police force denied to rescue & rehabilitate






  
                                                                                                                        दिनांक - 14 मई, 2012.
सेवा मे,
          श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
          राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,    
          नई दिल्ली - भारत !

विषय :- विकलांग महिला को कई सप्ताह से घर मे कैद करने और घर मे कैद महिला को केवल देख लौटे थानाध्यक्ष के सन्दर्भ मे ! 
महोदय,
           हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद स्थित थाना - लंका की ओर आकृष्ट कराना चन्हुंगी, जहा के थानाध्यक्ष श्री अवधेश कुमार सिह, घर मे कैद दोनो पैर से विकलांग महिला को केवल देखकर लौट गये तथा बोले - "महिला घर मे कैद है और बिल्कुल ठीक है, उसे समय - समय पर भोजन भी मिलता है, इसलिए उसे अन्दर ही छोड दिया गया है !" 
     मानवाधिकार की रक्षा और नैतिकता को भूलाकर पुलिस की रवैया से कल्याणकारी राज्य की संकल्पना माखौल उडाती है !
     मामला यह है की वाराणसी के थाना - लंका क्षेत्र मे मोहल्ला - साकेत नगर (लंका), म. न. - B 33/36, A - 10, स्थित घर मे कैद सुश्री सुनीता, उम्र - 40 साल, पुत्री - राधेश्याम चौरसिया, को मायके के सभी परिजनो ने घर की बहू की सन्दिग्ध मौत के मामले मे फरार होने से पहले दोनो पैरो से चलने - फिरने मे अक्षम सुनीता को कमरे मे ही कैद कर भाग गये ! मुहल्ले वालो की सूचना पर थाना लंका के थानाध्यक्ष अपने हमराहियो के साथ मौके पर पहुंचे और किसी प्रकार से मकान मे दाखिल हुए तथा बाहर आने पर बोले - "महिला पूरी तरह से ठीक है, इसलिए उसे कमरे मे ही छोड दिया गया है !"
      जैसा की विदित है सुनीता के पति राजेश चौरसिया बहुत पहले ही छोड चुका है, जो नाबालिक पुत्री व पुत्र के साथ मायके मे ही रह रही है !
      पुलिस - प्रशासन के अमानवीय व्यवहार और संवेदन शून्य रवैया हिला - हवाली की सूचक है, दूसरी तरफ मामले मे अभी तक किसी प्रकार की पुनर्वासन की व्यवस्था नही की गयी है !

          अत: श्रीमान से निवेदन है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करके पीडिता को पुनर्वासन कराते हुए पुलिस - प्रशासन के संवेदन शून्य और अमानवीय व्यवहार हेतु दिशा - निर्देश जारी करे, जिससे कल्याणकारी राज्य की संकल्पना चरितार्थ हो तथा भविष्य मे किसी वंचितो के साथ अनैतिकतापूर्ण व्यवहार नही किया जाए, जो अपकी कृपा होंगी ! 
                                                                                                भवदीय

                                                                                                श्रुति
                                                                                       (मैनेजिंग ट्र्स्टी)
                                                                         मानवाधिकार जननिगरानी समिति,
                                                      सा 4/2ए., दौलतपुर, वारणसी - 221002 (उत्तर प्रदेश) - भारत
                                                                                   मो0 0 - 09935599330.
                                                  ई - मेल :- shruti@pvchr.asia, lenin@pvchr.asia,pvchr.india@gmail.com

          
                                                                                              Please Visit :-
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 संलग्नक :-
विकलांग को कैद कर हत्यारोपी फरार
अमर उजाला ब्यूरो
वाराणसी। दहेज हत्या के आरोपी अपनी ही परिवार की विकलांग महिला को घर में कैद फरार हो गए। मकान में बाहर से ताला बंद रहता है और महिला अंदर रहती है। आरोपी दो-तीन दिन पर खाना पहुंचाने आते हैं। शनिवार की शाम लोगों की आवाजाही से पड़ाेसियों को संदेह हुआ। मौके पर पुलिस पहुंची तो हकीकत सामने आई।
साकेत नगर के रहने वाले राधेश्याम चौरसिया की बहू किरण की 29 अप्रैल को संदिग्ध हाल में मौत हो गई थी। किरण के मायके वालों की तहरीर पर पुलिस ने किरण के पति टिन्नू, ससुर राधेश्याम समेत अन्य लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। घटना के बाद से ही राधेश्याम और टिन्नू घर छोड़ फरार हैं। राधेश्याम की बेटी 40 वर्षीया सुनीता दोनों पैरों से विकलांग है। उसका पति मुंबई में नौकरी करता है। दो बच्चों समेत वह पिता के घर ही रहती है। राधेश्याम अपने घर में सुनीता को अकेले छोड़ गया था। मकान में हमेशा बाहर से ताला बंद रहता था। परिजन दो दिन का खाना एक साथ लेकर आते और फिर चले जाते थे। शनिवार को मोहल्ले वालों को पता चला तो मामला सामने आया। सूचना के बाद मौके पर लंका थानाध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह पहुंचे थे। सुनीता का कहना था कि मुकदमा दर्ज होने के बाद परिजन उसे छोड़कर चले गए हैं। खाने का सामान पहुंचा जाते हैं।





House photos, where -
Sunita, a bodily & psychologically handicapped lady locked without help inside the house, local police force denied to rescue & rehabilitate

Friday, May 4, 2012

Fwd: जावेद्, निवासी :- मुहल्ला - दक्षिणटोला (शहर मऊ)जिला - मऊ, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल मऊ मे मानसिक रूप से बिमार बन्दी ने ब्लेड से काटा गुप्तांग के शिकायत के सन्दर्भ मे



---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2012/5/4
Subject:
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
Cc: lenin@pvchr.asia, Lenin Raghuvanshi <pvchr.india@gmail.com>


                                                                                                                                               दिनांक :- 04 मई, 2012.
सेवा मे, 
           श्रीमान अध्यक्ष,    
           राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,    
           नई दिल्ली – भारत ! 

विषय :- दिनांक - 04/05/2012 को श्री / सुश्री जावेद्, निवासी :- मुहल्ला - दक्षिणटोला (शहर मऊ)जिला - मऊ, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल मऊ मे मानसिक रूप से बिमार बन्दी ने ब्लेड से काटा गुप्तांग के शिकायत के सन्दर्भ मे !  

महोदय / महोदया, 
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch " गिरफ्तारी पर गश्त " के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं ! 
 
कैदी जावेद जिला कारागार मऊ के ही अस्पताल मे भर्ती था, प्रशासन की लापरवाही के कारण यह घटना घटी, जिससे कैदी की हालत गम्भीर बनी हुई है !

अत: मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि  कैदी की मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है, जो अनुकूल परिस्थिति के अनुसार हो सके तथा उचित ईलाज के साथ मुआवजा प्रदान करायी जाए और जेल प्रशासन को इस तरह की घट रही घटनाओ को रोकने हेतु दिशा - निर्देश जारी किया जाए !  

धन्यवाद ! 

भवदीय / भवदीया 
 
( डा0 लेनिन )
महासचिव 
– Detention Watch "गिरफ्तारी पर गश्त"
C/O:- मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)        
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221002.
ईमेल – pvchr.adv@gmail.com


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उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद स्थित गोपीगंज थाना के परवतपुर गांव मे मौत बनकर दौडा हाईवोल्टेज करेंट, महिला की गई जान के सन्दर्भ मे !

                                                                                                                          दिनांक - 04 मई, 2012.

सेवा मे,

          श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

          राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,    

          नई दिल्ली - भारत !

 

विषय :- उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद स्थित गोपीगंज थाना के परवतपुर गांव मे मौत बनकर दौडा हाईवोल्टेज करेंट, महिला की गई जान के सन्दर्भ मे ! 

महोदय,

           हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद स्थित गोपीगंज थाना के परवतपुर गांव मे बृहस्पतिवार को कई घरो मे हाईवोल्टेज करेंट दौडने से एक महिला फातिमा बेगम, उम्र - 35 वर्ष,पत्नी - ताजुद्दीन की मौत हो गयी और एक 4 वर्षीय बालक समीर, पुत्र - इंतजार अली गम्भीर रूप से झुलस गया की ओर आकृष्ट कराना चाहुंगा !

हाईवोल्टेज करेंट दौडने से कई घरो को नुकसान पहुंचा है और कई कालीन बुनाई की मशीने भी झुलस गयी !

महोदय, हमेशा इस तरह की घटना घटित होती है और प्रशासन गम्भीर नही है, हर रोज कही न कही करेंट से मौत हो रही है !

सनलग्नक :- http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120504a_008190005&ileft=227&itop=481&zoomRatio=276&AN=20120504a_008190005

 

http://compepaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120504a_016103001&ileft=-7&itop=676&zoomRatio=170&AN=20120504a_016103001

घरों में दौड़ा हाईवोल्टेज करेंट, महिला की मौत
गोपीगंज (भदोही)। क्षेत्र के परवतपुर गांवमें गुरुवार की सुबह 11 हजार वोल्टेज का तार टूटकर छोटी लाइन पर गिर जाने से दर्जनों घरों में हाईवोल्टेज करेंट दौड़ गया। इसके चलते घर एक महिला की मौत हो गई जबकि एक बालक झुलस गया। इस बीच एक व्यक्ति के मकान में आग लग गई। दो कालीन कंपनियों के उपकरण और कुछ अन्य सामान जल गए।
गोपीगंज थाने के परवतपुर गांव में यह घटना सुबह दस बजे घटी। घरों में हाईवोल्टेज का करेंट दौड़ा तो बल्ब, टीवी, पंखों और फ्रिज आदि से धुआं उठने लगा। कई लोगों की दीवारों तक में करेंट आ गया। इस बीच घर में बैठकर टीवी देख रही ताजुद्दीन की पत्नी फातिमा बेगम (35) और इंतजार अली का पुत्र समीर (4) गंभीर रूप से झुलस गए । परिजन उन्हें लेकर अस्पताल गए, जहां चिकित्सकों ने फातिमा को मृत घोषित कर दिया। समीर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए भेजा गया। इस दौरान एक कालीन कंपनी का पंखा, समरसेबुल और बिजली के अन्य उपकरण जल गए। क्षेत्र की एक अन्य कारपेट कंपनी के अहाते में भी आग लग गई। यहां जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग पर काबू पाया। इसी दौरान मुमताज आलू वाले के मकान में भी आग लग गई। पुलिस ने महिला के शव का पंचायतनामा करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
भदोही के परवतपुर गांव में हुआ हादसा

          अत: श्रीमान से निवेदन है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करते हुए मृतक के परिजन और घायल परिजनो को मुआवजा प्रदान कराने के साथ पीडित बच्चे की उचित ईलाज करने के आदेश के साथ प्रशासन को इस तरह की घटना रोकने हेतु दिशा - निर्देश जारी करने की कृपा करे !

 

                                                                                                भवदीय

 

                                                                                              डा0 लेनिन

                                                                                             (महासचिव)

                                                                         मानवाधिकार जननिगरानी समिति,

                                                      सा 4/2ए., दौलतपुर, वारणसी - 221002 (उत्तर प्रदेश) - भारत

                                                                                   मो0 0 - 09935599333.

                                                  ई - मेल :- lenin@pvchr.asia,pvchr.india@gmail.com

 

           
                                                                                              Please Visit :-
                                                                                            www.pvchr.asia

                                                                                            www.pvchr.net

                                                                                www.testimonialtherapy.org

                                                                             www.detentionwatch.blogspot.in

 




Thursday, May 3, 2012

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद मे जिला जेल मे मंगलवार को सजायाफ्ता कैदी बब्बन यादव की मौत के सन्दर्भ मे !


 

                                                                                                                          दिनांक - 03 मई, 2012.

सेवा मे,

          श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

          राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,    

          नई दिल्ली - भारत !

 

विषय :- उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद मे जिला जेल मे मंगलवार को सजायाफ्ता कैदी बब्बन यादव की मौत के सन्दर्भ मे !

 

महोदय,

           हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद मे जिला जेल मे मंगलवार को सजायाफ्ता कैदी जो रामगढ कलां गांव के शिवमुरत यादव का पुत्र बब्बन (35),बैरक नंबर चार में बंद था की मौत हो गयी की ओर आकृष्ट कराना चन्हुंगा !  

कैदी की तबियत खराब होने पर इसकी सूचना जिला प्रशासन को थी, फिर भी ईलाज कराने मे हिलाहवाली किया गया और अंतत: कैदी की मौत हो गयी, अन्य दैनिक अखबार " हिन्दुस्तान " मे खबर छपी है की शुरूआत मे मृतक कैदी ने पेट मे दर्द की बात रखा गया थालेकिन इस ओर ध्यान नही दिया गया और जिला प्रशासन की ओर से ब्रेन हैमरेज से मौत की बात कही जा रही है !

 

सनलग्नक :- http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120503a_009190007&ileft=110&itop=77&zoomRatio=182&AN=20120503a_009190007

मिर्जापुर जेल में कैदी की मौत,

मिजापुर। जिला जेल में मंगलवार की रात एक सजायाफ्ता कैदी की अचानक तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई। उसका समय से उपचार न कराने का जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बंदियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने करीब 11 घंटे तक शव को उठाने नहीं दिया। डीआईजी जेल और डीएम के पहुंचने पर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। जेल अधीक्षक के अनुसार कैदी की मौत ब्रेन हेमरेज के चलते हुई है। उस वक्त कारागार चिकित्सक इलाहाबाद गए थे, इसके चलते इलाज में देरी हुई।

चुनार कोतवाली क्षेत्र के रामगढ कलां गांव के शिवमुरत यादव का पुत्र बब्बन (35) बैरक नंबर चार में बंद था। उसे हत्या के मामले में 30 अक्तूबर 2011 को सजा सुनाई गई थी। मंगलवार की शाम सात बजे से ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। बैरक के अन्य बंदियाें का कहना है कि इसकी जानकारी बंदी रक्षक के माध्यम से जेलर तक भिजवाई गई। लेकिन इलाज नहीं शुरू हुआ। इस बीच रात करीब 11 बजे बब्बन की मौत हो गई।

इस पर अन्य बंदियों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने मृत बंदी के परिजनों को मुआवजा देने से पहले जेल अधीक्षक और जेलर को लाश उठवाने से रोक दिया। स्थिति बिगड़ती देख जेल अधीक्षक ने डीआईजी वीके जैन व जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस समेत जिले के आला अफसरों को सूचना दे दी। बुधवार की सुबह करीब छह बजे इलाहाबाद जेल परिक्षेत्र के डीआईजी पहुंचे। तब तक जिले के अफसरान भी पहुंच गए थे। डीएम के आश्वासन पर बंदियों ने शव को पंचनामा के लिए ले जाने दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया।

मेडिकल कैंप लगने के 36 घंटे के अंदर हुई मौत

मिर्जापुर। जिला जेल में 30 अप्रैल को ही बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एक मेडिकल कैंप लगाया गया था। इसमें करीब 253 बंदियों का परीक्षण करने का दावा जेल प्रशासन द्वारा किया गया था। कैंप लगने के 36 घंटे के अंदर ही जिला कारागार में बब्बन यादव नामक कैदी की मौत हो जाती है। सवाल यह उठता है कि क्या चिकित्सा शिविर के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई? यही नहीं जेल में बंदियों की चिकित्सा व्यवस्था नाकाफी है इसे खुद जेल के डीआईजी वीके जैन व नवागत डीएम गोविंद राजू एनएस ने स्वीकार किया था। इन दोनों अधिकारियों की पहल पर ही 30 अप्रैल को जेल में मेडिकल कैंप लगाया गया था। बब्बन की मौत ने कैंप को लेकर किए गए दावों पर सवालिया निशान लगा दिया है।

समय से उपचार नहीं शुरू करने का आरोप    

          अत: श्रीमान से निवेदन है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप करते हुए मृतक के परिजन को मुआवजा प्रदान कराने के साथ आयोग के गाईड लाइंस के तहत उच्चस्तरीय मजिस्ट्रेटियल जांच / निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की कृपा करे !

 

                                                                                                भवदीय

 

                                                                                              डा0 लेनिन

                                                                                             (महासचिव)

                                                                         मानवाधिकार जननिगरानी समिति,

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