Thursday, August 30, 2012

ग्राम्या संस्थान की निदेशक सुश्री बिन्दु सिंह को धमकी के सन्दर्भ में |

दिनांक-३०-०८-२०१२
 सेवामें,
श्रीमान् पुलिस महानिदेशक,
जनपद- वाराणसी

विषय- ग्राम्या संस्थान की निदेशक सुश्री बिन्दु सिंह को धमकी के सन्दर्भ में |

महोदय,
       ग्राम्या संस्थान एक पंजीकृत स्वयंसेवी संस्था है | विगत कई वर्षों से ग्राम्या संस्थान उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में सामाजिक मुददों पर विशेषकर महिलाओं के मुद्दे पर कार्यरत है | इसी कड़ी में संस्थान वाराणसी जनपद के सेवापुरी व बड़ागांव विकास खण्ड में भी कार्य कर रही है |
       रिंकी पटेल पुत्री श्री रोशन पटेल निवासी ग्राम-बेल्वरिया, पोस्ट- मुर्दाहा, थाना-शिवपुर, जनपद वाराणसी की शादी ०२ मई २०१२ को शेखर पटेल पुत्र श्री बृजराज पटेल निवासी हरसोश (मझली) राजातालाब, थाना जंसा, जनपद वाराणसी से हुई | शादी के बाद रिंकी की विदाई हुई | ससुराल वालों ने रिंकी के साथ दुर्व्यहार करना शुरू किया जिसमें लड़का भी शामिल था | चौथे दिन लड़की अपने घर (मायके) आयी और आपबीती अपने माँ-बाप से बताई | ०५ जुलाई २०१२ को लड़की और उसके माँ-बाप संस्था के पास आये और उन लोगों मदद मांगी | संस्था ने तथ्यों का पता करके मदद करने लिए निदेशक (सुश्री बिन्दु सिंह) को अधिकृत किया | दोनों पक्षों से वार्तालाप किया तथा एक दूसरे को सहानुभूतिपूर्वक हल निकालने का दोनों पक्षों ने समय माँगा |
       इसी कड़ी में आज दिनांक ३० अगस्त, २०१२ को सुबह १० बजकर ०२ मिनट पर बिन्दू सिंह के  मोबाईल न० 09415222597 पर मोबाईल न० 08726919438 से धमकी भरा फ़ोन आया उन्होंने अपना नाम शेखर पटेल ग्राम हरसोश बताया और कहाकि यदि तुम इस मसले में पड़ी तो अंजाम बहुत बुरा होगा और भद्दी-भद्दी गालियाँ देने लगा साथ ही जान से मारने की धमकी देने लगा। उसने कहा कि यदि इस केस मे हाथ डालोगी तो परिणाम बहुत बुरा होगा।
       अतः आप से निवेदन है कि उचित कार्यवाही कर बिन्दू सिंह के जान-माल की रक्षा करने का कष्ट करें |

प्रार्थी का विवरण :-
(बिन्दु सिंह)
निदेशक
ग्राम्या संस्थान
एल०-४०, विकास प्राधिकरण कालोनी,
चांदमारी, लालपुर-२, पोस्ट- सारनाथ (लमही)
थाना- शिवपुर, जनपद- वाराणसी-२२१००७
मोबाइल- 09415222597

भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिती
सा4/2ए दौलतपुर, वाराणसी
                                                                 +91-9935599333

ग्राम्या संस्थान, वाराणसी की निदेशक सुश्री बिन्दु सिंह को जान से मारने की धमकी के सन्दर्भ में |

दिनांक-३०-०८-२०१२
 सेवामें,
श्रीमान् वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,
जनपद- वाराणसी
विषय- ग्राम्या संस्थान, वाराणसी की निदेशक सुश्री बिन्दु सिंह को जान से मारने की धमकी के सन्दर्भ में |
महोदय,
       ग्राम्या संस्थान एक पंजीकृत स्वयंसेवी संस्था है | विगत कई वर्षों से ग्राम्या संस्थान उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में सामाजिक मुददों पर विशेषकर महिलाओं के मुद्दे पर कार्यरत है | इसी कड़ी में संस्थान वाराणसी जनपद के सेवापुरी व बड़ागांव विकास खण्ड में भी कार्य कर रही है |
       रिंकी पटेल पुत्री श्री रोशन पटेल निवासी ग्राम-बेल्वरिया, पोस्ट- मुर्दाहा, थाना-शिवपुर, जनपद वाराणसी की शादी ०२ मई २०१२ को शेखर पटेल पुत्र श्री बृजराज पटेल निवासी हरसोश (मझली) राजातालाब, थाना जंसा, जनपद वाराणसी से हुई | शादी के बाद रिंकी की विदाई हुई | ससुराल वालों ने रिंकी के साथ दुर्व्यहार करना शुरू किया जिसमें लड़का भी शामिल था | चौथे दिन लड़की अपने घर (मायके) आयी और आपबीती अपने माँ-बाप से बताई | ०५ जुलाई २०१२ को लड़की और उसके माँ-बाप संस्था के पास आये और उन लोगों मदद मांगी | संस्था ने तथ्यों का पता करके मदद करने लिए निदेशक (सुश्री बिन्दु सिंह) को अधिकृत किया | दोनों पक्षों से वार्तालाप किया तथा एक दूसरे को सहानुभूतिपूर्वक हल निकालने का दोनों पक्षों ने समय माँगा |
       इसी कड़ी में आज दिनांक ३० अगस्त, २०१२ को सुबह १० बजकर ०२ मिनट पर बिन्दू सिंह के  मोबाईल न० 09415222597 पर मोबाईल न० 08726919438 से धमकी भरा फ़ोन आया उन्होंने अपना नाम शेखर पटेल ग्राम हरसोश बताया और कहाकि यदि तुम इस मसले में पड़ी तो अंजाम बहुत बुरा होगा और भद्दी-भद्दी गालियाँ देने लगा साथ ही जान से मारने की धमकी देने लगा। उसने कहा कि यदि इस केस मे हाथ डालोगी तो परिणाम बहुत बुरा होगा।
       अतः आप से निवेदन है कि उचित कार्यवाही कर बिन्दू सिंह के जान-माल की रक्षा करने का कष्ट करें |
प्रार्थी का विवरण :-
(बिन्दु सिंह)
निदेशक
ग्राम्या संस्थान
एल०-४०, विकास प्राधिकरण कालोनी,
चांदमारी, लालपुर-२, पोस्ट- सारनाथ (लमही)
थाना- शिवपुर, जनपद- वाराणसी-२२१००७
मोबाइल- 09415222597
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
                                                            मानवाधिकार जननिगरानी समिती
                                   SA4/2A, Daulatpur, Varanasi
                                        +91-9935599333

Friday, August 24, 2012

उत्तर प्रदेश के इलाहाबद मे नगर पुलिस ने वसूली से इनकार पर दुकानदार के साथ सरेआम किया पिटाई और सीने पर चढाई मोटरसाइकिल के सम्बनध मे !

दिनांक - 22 अगस्त, 2012.
सेवा मे,
          श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
          राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
          नई दिल्ली - भारत !
विषय : - उत्तर प्रदेश के इलाहाबद मे नगर पुलिस ने वसूली से इनकार पर दुकानदार के साथ सरेआम किया पिटाई और सीने पर चढाई मोटरसाइकिल के सम्बनध मे !
महोदय,
          हम आपका ध्यान विषयक के सन्दर्भ मे आकृष्ट कराना चान्हुंगा, 18 अगस्त, 2012 को नगर पुलिसकर्मियो फुटपाथी दुकानदारो से नियमित वसूली करने पहुचे, वही एक व्यक्ति फल बेचता है जहा बेंचू सिह यादव नाम का सिपाही वहा पहुंचा और उन्होने उस दुकानदार से 50 रूपये मांगे ! मना करते ही बेंचू सिह यादव (सिपाही) का गुस्सा सातवे आसमान पर जा पहुंचा और तमतमाये सिपाही जी ने लात, घूंसो और लाठी से जमकर धुनाई किये, उसके बाद सडक पर गिराकर पीडित के सीने पर अपनी मोटरसाइकिल चढा दिये !
 
संलग्नक :- Please find the attached file,
 
         मामले मे जब वहा भीड इकठ्ठा होने लगी तब सिपाहीगण वहा से खिसक गये और इंस्पेक्टर साहब मय फोर्सपहुच गये, मामला मे रफा - दफा करने की कोशिश कर खिसक गये !
        मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना मे लिपा पोती की जा रही है, जिससे तानाशाही प्रवृति को बढावा मिलेगा और गरीब - वंचित लोंग लोकतंत्र मे भी सामंती व्यवहार से कुचले जा रहे है !
 
         अत: श्रीमान से निवेदन है की मामले मे हस्तक्षेप क्रते हुए त्वरित न्यायोचित कार्यवाही करने के साथ पीडित व गवाहो को सुरक्षा प्रदान करने की कृपा करे !
 
भवदीय
 
 
(डा0 लेनिन)
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा. 4/2ए., दौलतपुर, वराणसी - 221002,
उत्तर प्रदेश - भारत !
मो0 - +91-9935599333.
ई-मेल - lenin@pvchr.asia,

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महिला कांस्टेबल द्वारा पीडित महिला के साथ दुर्व्यवहार करना और सार्वजनिक रूप से मानसिक प्रताडित करने के सन्दर्भ मे !

  दिनांक - 06 जून, 2012.
सेवा मे,
          श्रीमान अध्यक्षा महोदया,
           राष्ट्रीय महिला आयोग,
           नई दिल्ली - भारत !
विषय - महिला कांस्टेबल द्वारा पीडित महिला के साथ दुर्व्यवहार करना और सार्वजनिक रूप से मानसिक प्रताडित करने के सन्दर्भ मे !
महोदया,
         हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के वराणसी जनपद के सारनाथ थाना क्षेत्र के दनियालपुर् गांव के निवासनी शिल्पा की ओर आकृष्ट कराना चान्हुगा, जहा एसएसपी आफिस मे बने महिला प्रकोष्ठ के महिला कांस्टेबल द्वारा बयान लेने हेतु बुलाये गयी घरेलू हिंसा के प्रताडित पीडिता के साथ सार्वजनिक रूप से कचहरी परिसर मे एक वकील के चौकी पर मानसिक रूप से प्रताडित किया गया और फरमान जारी कर कहा कि चलो सुलह हो गयी ! 
       एक तरफा कार्यवाही और दुर्वयवहार के कारण पीडिता रोने लगी तथा लडकी के परिजन ने जब कहा की इस तरह से गांव के लोंगो के सामने खिल्ली उडाना बन्द करे तब महिला कांस्टेबल ने डांट कर बोली की लडकी वालो को जेल भेज देंगे, कम उम्र मे शादी हुयी है. वहा पर सैकडो की सख्या मे लोंग ईकठ्ठा हो गये, फिर भी महिला कांस्टेबल ने वही पर कार्यवाही कराना जरूरी समझा !
      समिति के लोंगो ने जब इस पर आपत्ति जाहिर किया तब वे बोली की मुझे इस योग्य समझा गया है, इसलिए मुझे जांच करने को सौपा गया है !
संलगंक :-  http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120705a_005190008&ileft=110&itop=411&zoomRatio=182&AN=20120705a_005190008
        विदित हो की इस तरह की समझौता कराने मे पुलिसकर्मी द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही की जाती है और रौब बनाने तथा चुप्पी की संस्कृति को बढावा दिया जाता है !
          अत: आपसे अनुरोध है की मामले मे न्यायोचित कानूनी कार्यवाही की जाए जिससे पीडिता के साथ न्याय हो तथा दोषियो के खिलाफ कार्यवाही हो.
भवदीय
(डा0 लेनिन)
 महासचिव
मानवाधिकार जन निगरानी समिति - वाराणसी,
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी - 221002,
उत्तर प्रदेश - भारत !
 
मो0 - +91-9935599333.
ई - मेल - lenin@pvchr.asia
 

संलग्नक - http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120705a_005190008&ileft=110&itop=411&zoomRatio=182&AN=20120705a_005190008
महिला कांस्टेबल ने लगाई कचहरी, खड़ा हुआ बखेड़ा
अमर उजाला ब्यूरो
वाराणसी। महिला कांस्टेबल ने पूछा ‘बताओ तुमने क्या तय किया?’ पति ने कहा ‘साथ जाना चाहती है। मैं उसे रखने को तैयार हूं।’ कांस्टेबल ने कहा ‘पत्नी की उमर कम है। मारना-पीटना नहीं। बीमार होने पर इलाज कराना। कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।’ उसके बाद उसने दोनों के अभिभावकों को समझाना शुरू किया। लड़की की मां को डांटा ‘कम उम्र में शादी कर देती हो, मुकदमा चलेगा तो समझ जाओगी।’ फिर सबसे मुखातिब हुई और कहा कि दोनों की सास ही मिलने नहीं देना चाहतीं। लड़की की सास से कहा कि गांव की औरतों को बुलवाकर बहू की खिल्ली उड़ाना बंद करो।
पूरी कार्रवाई एसएसपी आफिस में बने महिला प्रकोष्ठ की बजाय कलक्ट्रेट में एक अधिवक्ता की चौकी पर चल रही थी। इस तरह कचहरी लगाने का लड़की पक्ष के लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन कांस्टेबल ने कुछ नहीं सुनी और फरमान जारी कर कहा कि चलो सुलह हो गई। जाओ फोटो खिंचवाकर आओ। उसके बाद लड़की फूट-फूटकर रोने लगी। वधू पक्ष के लोग बयान दिए बगैर ही चले गए। बखेड़ा खड़ा हो गया। ऐसे में कांस्टेबल पति को महिला प्रकोष्ठ ले गई और वहां बयान दर्ज किया।
दनियालपुर के रहने वाली युवती की शादी खालिसपुर के एक युवक से हुई थी। युवती की मां ने आवेदन दिया कि उसने एक तोले सोने की चेन, मोटरसाइकिल के लिए 60 हजार रुपये तथा अन्य सामान दिए पर ट्राली चलाकर गुजारा करने वाला पति मनोज, ससुर मुन्नू, सास कलावती देवी और दो ननदें उसकी बेटी को प्रताड़ित कर रही हैं। उसपर 50 हजार रुपये लाने के लिए दबाव डाला गया। इनकार करने पर उसकी पिटाई की गई। बीमार होने पर उसका इलाज तक नहीं कराया जाता। इसी मामले की सुनवाई सरेआम कर दी गई। महिला के अधिवक्ता ने चेग्वारा रघुवंशी ने सार्वजनिक रूप से बयान लेने पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि महिला पहले से ही पीड़ित है।
इस तरह उसे और प्रताड़ित किया जा रहा है। इसपर कांस्टेबल भड़क गई। आवेदन तमाम अधिकारियों के पास से यहां आया है। उन्होंने मुझे किसी काबिल समझा है तब तो जांच सौंपी है। प्रकोष्ठ में अंधेरा होने के कारण यहां बयान लेना पड़ रहा है। वधू पक्ष की ओर से आए मानवाधिकार कार्यकर्ता शिव प्रताप चौबे का कहना है कि वह इस मामले में जिलाधिकारी को शपथपत्र देंगे।
पीड़ित महिला से सार्वजनिक रूप से बयान लेने पर भड़का मामला, डीएम को देंगे शपथ पत्र

महिला कांस्टेबल द्वारा पीडित महिला के साथ दुर्व्यवहार करना और सार्वजनिक रूप से मानसिक प्रताडित करने के सन्दर्भ मे !

                                                                                                                           दिनांक - 06 जून, 2012.
सेवा मे,
          श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
           राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
           नई दिल्ली - भारत !
विषय - महिला कांस्टेबल द्वारा पीडित महिला के साथ दुर्व्यवहार करना और सार्वजनिक रूप से मानसिक प्रताडित करने के सन्दर्भ मे !
महोदय,
         हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के वराणसी जनपद के सारनाथ थाना क्षेत्र के दनियालपुर् गांव के निवासनी शिल्पा की ओर आकृष्ट कराना चान्हुगा, जहा एसएसपी आफिस मे बने महिला प्रकोष्ठ के महिला कांस्टेबल द्वारा बयान लेने हेतु बुलाये गयी घरेलू हिंसा के प्रताडित पीडिता के साथ सार्वजनिक रूप से कचहरी परिसर मे एक वकील के चौकी पर मानसिक रूप से प्रताडित किया गया और फरमान जारी कर कहा कि चलो सुलह हो गयी ! 
       एक तरफा कार्यवाही और दुर्वयवहार के कारण पीडिता रोने लगी तथा लडकी के परिजन ने जब कहा की इस तरह से गांव के लोंगो के सामने खिल्ली उडाना बन्द करे तब महिला कांस्टेबल ने डांट कर बोली की लडकी वालो को जेल भेज देंगे, कम उम्र मे शादी हुयी है. वहा पर सैकडो की सख्या मे लोंग ईकठ्ठा हो गये, फिर भी महिला कांस्टेबल ने वही पर कार्यवाही कराना जरूरी समझा !
      समिति के लोंगो ने जब इस पर आपत्ति जाहिर किया तब वे बोली की मुझे इस योग्य समझा गया है, इसलिए मुझे जांच करने को सौपा गया है !
संलगंक :-  http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120705a_005190008&ileft=110&itop=411&zoomRatio=182&AN=20120705a_005190008
        विदित हो की इस तरह की समझौता कराने मे पुलिसकर्मी द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही की जाती है और रौब बनाने तथा चुप्पी की संस्कृति को बढावा दिया जाता है !
          अत: आपसे अनुरोध है की मामले मे न्यायोचित कानूनी कार्यवाही की जाए जिससे पीडिता के साथ न्याय हो तथा दोषियो के खिलाफ कार्यवाही हो.
भवदीय (डा0 लेनिन)
 महासचिव
मानवाधिकार जन निगरानी समिति - वाराणसी,
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी - 221002,
उत्तर प्रदेश - भारत !
 
मो0 - +91-9935599333.
ई - मेल - lenin@pvchr.asia
 

संलग्नक - http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120705a_005190008&ileft=110&itop=411&zoomRatio=182&AN=20120705a_005190008
महिला कांस्टेबल ने लगाई कचहरी, खड़ा हुआ बखेड़ा
अमर उजाला ब्यूरो
वाराणसी। महिला कांस्टेबल ने पूछा ‘बताओ तुमने क्या तय किया?’ पति ने कहा ‘साथ जाना चाहती है। मैं उसे रखने को तैयार हूं।’ कांस्टेबल ने कहा ‘पत्नी की उमर कम है। मारना-पीटना नहीं। बीमार होने पर इलाज कराना। कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।’ उसके बाद उसने दोनों के अभिभावकों को समझाना शुरू किया। लड़की की मां को डांटा ‘कम उम्र में शादी कर देती हो, मुकदमा चलेगा तो समझ जाओगी।’ फिर सबसे मुखातिब हुई और कहा कि दोनों की सास ही मिलने नहीं देना चाहतीं। लड़की की सास से कहा कि गांव की औरतों को बुलवाकर बहू की खिल्ली उड़ाना बंद करो।
पूरी कार्रवाई एसएसपी आफिस में बने महिला प्रकोष्ठ की बजाय कलक्ट्रेट में एक अधिवक्ता की चौकी पर चल रही थी। इस तरह कचहरी लगाने का लड़की पक्ष के लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन कांस्टेबल ने कुछ नहीं सुनी और फरमान जारी कर कहा कि चलो सुलह हो गई। जाओ फोटो खिंचवाकर आओ। उसके बाद लड़की फूट-फूटकर रोने लगी। वधू पक्ष के लोग बयान दिए बगैर ही चले गए। बखेड़ा खड़ा हो गया। ऐसे में कांस्टेबल पति को महिला प्रकोष्ठ ले गई और वहां बयान दर्ज किया।
दनियालपुर के रहने वाली युवती की शादी खालिसपुर के एक युवक से हुई थी। युवती की मां ने आवेदन दिया कि उसने एक तोले सोने की चेन, मोटरसाइकिल के लिए 60 हजार रुपये तथा अन्य सामान दिए पर ट्राली चलाकर गुजारा करने वाला पति मनोज, ससुर मुन्नू, सास कलावती देवी और दो ननदें उसकी बेटी को प्रताड़ित कर रही हैं। उसपर 50 हजार रुपये लाने के लिए दबाव डाला गया। इनकार करने पर उसकी पिटाई की गई। बीमार होने पर उसका इलाज तक नहीं कराया जाता। इसी मामले की सुनवाई सरेआम कर दी गई। महिला के अधिवक्ता ने चेग्वारा रघुवंशी ने सार्वजनिक रूप से बयान लेने पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि महिला पहले से ही पीड़ित है।
इस तरह उसे और प्रताड़ित किया जा रहा है। इसपर कांस्टेबल भड़क गई। आवेदन तमाम अधिकारियों के पास से यहां आया है। उन्होंने मुझे किसी काबिल समझा है तब तो जांच सौंपी है। प्रकोष्ठ में अंधेरा होने के कारण यहां बयान लेना पड़ रहा है। वधू पक्ष की ओर से आए मानवाधिकार कार्यकर्ता शिव प्रताप चौबे का कहना है कि वह इस मामले में जिलाधिकारी को शपथपत्र देंगे।
पीड़ित महिला से सार्वजनिक रूप से बयान लेने पर भड़का मामला, डीएम को देंगे शपथ पत्र
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Sunday, August 19, 2012

PVCHR initiative for prison reform

Case Details of File Number: 33097/24/0/2011
Diary Number24664
Name of the ComplainantDR. LENIN, EXECUTIVE DIRECTOR
AddressPEOPLE'S VIGILANCE COMMITTEE ON HUMAN RIGHTS, SA 4/2A, DAULATPUR,
VARANASI , UTTAR PRADESH
Name of the VictimPROSONERS, DETANIED IN JAILS OF POORVANCHAL
AddressJAILS OF POORVANCHAL,
UTTAR PRADESH , UTTAR PRADESH
Place of IncidentPRISONS
UTTAR PRADESH , UTTAR PRADESH
Date of Incident1/1/1991
Direction issued by the CommissionThis proceeding shall be read in continuation of the earlier proceeding of the Commission dated 16.5.2012. Dr. Lenin, a human rights activist, has sought Commission's intervention and appropriate action on a newspaper report published in Amar Ujala, Varanasi edition, dated 6.8.2011 regarding detention of two and half times of the number of prisoners in the jails as compared to the sanctioned capacity. The Commission called for a report on the petition from DG Prisons, UP. Pursuant thereto, a report dated 14.5.2012 has been received from the Additional IG (Admn), Jail Administration and Correctional Services, UP, enclosing therewith a report of DIG Jails, Allahabad Region dated 27.1.2012. It was stated in the report that two and half times of the prisoners were detained in only two prisons considering the shortage of space to accommodate the large number of prisoners, the berths erected earlier in the barracks were dismantled creating more space. Now two to three times of the sanctioned capacity of the prisoners are being accommodated properly in the barracks. The other basic amenities of bathrooms, toilets and also the supply of soaps, oil, etc., are being provided to the prisoners. They are also getting required legal aid. At present, the construction of District Jail, Sonebhadra is almost complete. The prisoners of that District who were being lodged at District Jail Mirzapur are to be shifted to the newly constructed jail at Sonebhadra. It will considerably reduce the strength of prisoners detained at District Jail, Mirzapur. Similarly, 15 new barracks are being constructed at Central Jail, Varanasi to solve the problem of overcrowding of detenues. After the construction of 15 new barracks is completed, the convict prisoners will be shifted there, reducing the load of prisoners on the present accommodation at Central Jail, Varanasi. Sufficient toilets are available at the jails for use of the prisoners. Regular inspection of the jails are being done by the CJM of the concerned district and DIG Prisons each month. If any problem was found at the time of inspection, necessary instructions are being given to the concerned officials. So far the allegation of keeping the prisoners in solitary confinement in District Jail, Varanasi is concerned, it is reported that separate rooms were erected in the hospital of the District Jail, Varanasi, where the prisoners suffering from mental disease or infectious disease are being kept. The mental patients are treated by the specialist doctor. The Commission has considered the above reports. After perusing the above reports, the Commission is satisfied that proper arrangements are being made by the concerned authorities of the Prison and Correctional Services, Government of UP to accommodate the prisoners in various jails in the eastern region of the State. The prisoners are being given necessary amenities as per rules. They are also getting free legal aid through legal service authorities. Moreover, if there is any problem, the prisoners can put up the same before the inspecting authorities i.e., CJM, DIG (Jails) and also at the time of quarterly inspection by the District and Sessions Judge accompanied by the DM & SP of the district. No further action by the Commission is needed. The case is closed.
Action TakenConcluded and No Further Action Required (Dated 7/31/2012 )
Status on 8/18/2012The Case is Closed.

Thursday, August 16, 2012

NHRC asks state govt to pay compensation to deaf & dumb boy

PVCHR: NHRC asks state govt to pay compensation to deaf &...: Therefore, the Commission asked the government of Uttar Pradesh through its chief secretary to pay Rs 3 lakh as compensation to the victi...