Friday, August 24, 2012

महिला कांस्टेबल द्वारा पीडित महिला के साथ दुर्व्यवहार करना और सार्वजनिक रूप से मानसिक प्रताडित करने के सन्दर्भ मे !

  दिनांक - 06 जून, 2012.
सेवा मे,
          श्रीमान अध्यक्षा महोदया,
           राष्ट्रीय महिला आयोग,
           नई दिल्ली - भारत !
विषय - महिला कांस्टेबल द्वारा पीडित महिला के साथ दुर्व्यवहार करना और सार्वजनिक रूप से मानसिक प्रताडित करने के सन्दर्भ मे !
महोदया,
         हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के वराणसी जनपद के सारनाथ थाना क्षेत्र के दनियालपुर् गांव के निवासनी शिल्पा की ओर आकृष्ट कराना चान्हुगा, जहा एसएसपी आफिस मे बने महिला प्रकोष्ठ के महिला कांस्टेबल द्वारा बयान लेने हेतु बुलाये गयी घरेलू हिंसा के प्रताडित पीडिता के साथ सार्वजनिक रूप से कचहरी परिसर मे एक वकील के चौकी पर मानसिक रूप से प्रताडित किया गया और फरमान जारी कर कहा कि चलो सुलह हो गयी ! 
       एक तरफा कार्यवाही और दुर्वयवहार के कारण पीडिता रोने लगी तथा लडकी के परिजन ने जब कहा की इस तरह से गांव के लोंगो के सामने खिल्ली उडाना बन्द करे तब महिला कांस्टेबल ने डांट कर बोली की लडकी वालो को जेल भेज देंगे, कम उम्र मे शादी हुयी है. वहा पर सैकडो की सख्या मे लोंग ईकठ्ठा हो गये, फिर भी महिला कांस्टेबल ने वही पर कार्यवाही कराना जरूरी समझा !
      समिति के लोंगो ने जब इस पर आपत्ति जाहिर किया तब वे बोली की मुझे इस योग्य समझा गया है, इसलिए मुझे जांच करने को सौपा गया है !
संलगंक :-  http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120705a_005190008&ileft=110&itop=411&zoomRatio=182&AN=20120705a_005190008
        विदित हो की इस तरह की समझौता कराने मे पुलिसकर्मी द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही की जाती है और रौब बनाने तथा चुप्पी की संस्कृति को बढावा दिया जाता है !
          अत: आपसे अनुरोध है की मामले मे न्यायोचित कानूनी कार्यवाही की जाए जिससे पीडिता के साथ न्याय हो तथा दोषियो के खिलाफ कार्यवाही हो.
भवदीय
(डा0 लेनिन)
 महासचिव
मानवाधिकार जन निगरानी समिति - वाराणसी,
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी - 221002,
उत्तर प्रदेश - भारत !
 
मो0 - +91-9935599333.
ई - मेल - lenin@pvchr.asia
 

संलग्नक - http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120705a_005190008&ileft=110&itop=411&zoomRatio=182&AN=20120705a_005190008
महिला कांस्टेबल ने लगाई कचहरी, खड़ा हुआ बखेड़ा
अमर उजाला ब्यूरो
वाराणसी। महिला कांस्टेबल ने पूछा ‘बताओ तुमने क्या तय किया?’ पति ने कहा ‘साथ जाना चाहती है। मैं उसे रखने को तैयार हूं।’ कांस्टेबल ने कहा ‘पत्नी की उमर कम है। मारना-पीटना नहीं। बीमार होने पर इलाज कराना। कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।’ उसके बाद उसने दोनों के अभिभावकों को समझाना शुरू किया। लड़की की मां को डांटा ‘कम उम्र में शादी कर देती हो, मुकदमा चलेगा तो समझ जाओगी।’ फिर सबसे मुखातिब हुई और कहा कि दोनों की सास ही मिलने नहीं देना चाहतीं। लड़की की सास से कहा कि गांव की औरतों को बुलवाकर बहू की खिल्ली उड़ाना बंद करो।
पूरी कार्रवाई एसएसपी आफिस में बने महिला प्रकोष्ठ की बजाय कलक्ट्रेट में एक अधिवक्ता की चौकी पर चल रही थी। इस तरह कचहरी लगाने का लड़की पक्ष के लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन कांस्टेबल ने कुछ नहीं सुनी और फरमान जारी कर कहा कि चलो सुलह हो गई। जाओ फोटो खिंचवाकर आओ। उसके बाद लड़की फूट-फूटकर रोने लगी। वधू पक्ष के लोग बयान दिए बगैर ही चले गए। बखेड़ा खड़ा हो गया। ऐसे में कांस्टेबल पति को महिला प्रकोष्ठ ले गई और वहां बयान दर्ज किया।
दनियालपुर के रहने वाली युवती की शादी खालिसपुर के एक युवक से हुई थी। युवती की मां ने आवेदन दिया कि उसने एक तोले सोने की चेन, मोटरसाइकिल के लिए 60 हजार रुपये तथा अन्य सामान दिए पर ट्राली चलाकर गुजारा करने वाला पति मनोज, ससुर मुन्नू, सास कलावती देवी और दो ननदें उसकी बेटी को प्रताड़ित कर रही हैं। उसपर 50 हजार रुपये लाने के लिए दबाव डाला गया। इनकार करने पर उसकी पिटाई की गई। बीमार होने पर उसका इलाज तक नहीं कराया जाता। इसी मामले की सुनवाई सरेआम कर दी गई। महिला के अधिवक्ता ने चेग्वारा रघुवंशी ने सार्वजनिक रूप से बयान लेने पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि महिला पहले से ही पीड़ित है।
इस तरह उसे और प्रताड़ित किया जा रहा है। इसपर कांस्टेबल भड़क गई। आवेदन तमाम अधिकारियों के पास से यहां आया है। उन्होंने मुझे किसी काबिल समझा है तब तो जांच सौंपी है। प्रकोष्ठ में अंधेरा होने के कारण यहां बयान लेना पड़ रहा है। वधू पक्ष की ओर से आए मानवाधिकार कार्यकर्ता शिव प्रताप चौबे का कहना है कि वह इस मामले में जिलाधिकारी को शपथपत्र देंगे।
पीड़ित महिला से सार्वजनिक रूप से बयान लेने पर भड़का मामला, डीएम को देंगे शपथ पत्र

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