Sunday, December 11, 2011

फर्जी मामलों में फंसाये जा रहे हैं मानवाधिकार कार्यकर्ता

http://visfot.com/home/index.php/permalink/5421.html
भारत में मानवाधिकार कार्यकर्ता भले ही लोगों की मदद के लिए बढ़ चढ़कर आगे आते हों और लोगों के लिए न्याय की राह आसान करते हों लेकिन हकीकत यह है कि खुद इन कार्यकर्ताओं के लिए मानवाधिकार राह मुश्किलों भरी है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के ऊपर लगातार हमले बढ़ रहे हैं न्याय दिलाने की कीमत मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को चुकानी पड़ रही है. नौ दिसंबर को मानवअधिकार कार्यकर्ता दिवस पर वाराणसी में मानवाधिकार जननिगरानी समिति द्वारा आयोजित सम्मेलन में मानवअधिकार कार्यकर्ताओं के असुरक्षा और हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गयी।

संयुक्त राष्ट्र संघ में मानव अधिकार कार्यकर्ताओं पर स्पेशल रिपोर्टियर सुश्री मार्ग्रेट सेकेग्गया ने संयुक्त राष्ट्र संघ के साधारण सभा में कहा - मानवअधिकार कार्यकर्ताओं पर संयुक्त राष्ट्र घोषणा को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 12 सालों बाद भी अधिकांश सरकारें और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को यह पता नही है कि कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी एवं सुरक्षा के लिए अन्तर्राष्ट्रीय कानून भी बनाये गये है।

16 मार्च, 2011 को वाराणसी में आयोजित प्रान्तीय सम्मेलन में 09 दिसम्बर, 2011 को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मानवाधिकार कार्यकर्ता दिवस के रूप मे मनाने का निर्णय लिया गया था। जो 9 दिसम्बर, 1998 को ही संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घोषणा-पत्र को पारित किया गया था। इस अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भी स्वीकार करते हुए एक सन्देश जारी किया है कि आयोग मानवाधिकार कार्यकर्ता के सृजन करने मे समर्थन के लिए प्रतिबध्द है, जो अधिकारो के प्रति जागरूकता और नागरिक समाज के सम्मान का निर्वाह करता है ! आज वाराणसी सहित देश के विभिन्न स्थानों पर मानवअधिकार कार्यकर्ता दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आशियान इण्टरगोर्वेंटल कमीशन आन हृयूमन राइट्स के कमीशनर एवं पूर्व अध्यक्ष रफाण्डी राजमीन ने भी शुभकामनायें दी है।

इस अवसर पर पूरा जीवन मानवाधिकार हनन के खिलाफ संघर्षरत उड़ीसा से श्री दुर्योधन रेड्डी को जनमित्र सम्मान से सम्मानित किया गया। वही जौनपुर से श्री महातिम मुसहर, वाराणसी से श्री मंगला राजभर, मुरादाबाद से जनाब मो0 सलीम अंसारी, अम्बेडकरनगर से श्री रामकृपाल एवं जनाब मुर्हरम अली और महोबा से श्री मंगल सिंह को अपने क्षेत्र में विभिन्न तरह की चुनौतियों और हमलों का सामना करते हुए मानवअधिकारों और लोकतंत्र के मूल्यों को स्थापित करने की दिशा में उनके अमूल्य योगदान के लिए “ जनमित्र सम्मान “ से सम्मानित किया गया। साथ ही सरकार से उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की माँग की गयी।

सम्मेलन में मानवाधिकार कार्यकर्ता डा0 लेनिन रघुवंशी को जान से मारने की धमकी की भर्त्सना करते हुए मुख्यमंत्री - उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग - नई दिल्ली एवं संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र भेजा गया है। इस मामले पर आयरलैण्ड की मानवाधिकार संगठन फ्रन्टलाइन ने अर्जेण्ट अपील जारी की है। वही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब देने को कहा है, साथ ही वाराणसी के डी0आई0जी0 ने जाँच का आदेश दिया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं पी0यू0सी0एल के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री चितरंजन सिंह ने कहा – “ कानून के राज को स्थापित करने के लिए राज्य एवं लोकतांत्रिक ताकतों को मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को सुरक्षा व संरक्षण देना चाहिए। मानवाधिकार कार्यकर्ता दिवस व अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस को जन - जन तक पहुचाया जाय, जिससे आमजन अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो सकें। “

अध्यक्षता करते हुए इकानोमिक टाइम्स - उड़ीसा के वरिष्ठ पत्रकार नागेश्वर पटनायक ने कहा – “ भारत के 65 साल की आजादी के बाद भी मानवाधिकार हनन की बहुलता है। सुरक्षा बलों के जवाबदेही की कमी वंचित तबकों की पुलिस द्वारा अत्याचार व फर्जी मुठभेड़ व यातना में न्याय का न मिलना या न्याय की देरी देश के लोकतंत्र पर सवालिया निशान लगाते है। सबसे ज्यादा दुःखद एवं आश्चर्यजनक है कि मानवाधिकार पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रताडि़त किया जाता है, यातना दी जाती है और झूठे मुकदमों में फसाया जाता है।“

इस अवसर पर डा0 लेनिन रघुवंशी द्वारा लिखित किताब, फ्रन्टपेज लंदन द्वारा प्रकाशित किताब “ जस्टिस, लिबर्टी, इक्विलिटीः दलित इंडिपेन्डेन्ट इंडिया “ का विमोचन संयुक्त रूप से चितरंजन सिंह एवं नागेश्वर पटनायक ने किया।

कार्यक्रम मे शहीद मानव अधिकार कार्यकर्ताओ की आत्मा को शांति के लिए एक मिनट का मौन रखा गया ! इस कार्यक्रम मे वाईड एंगल, ह्युमन राइटस ला नेटवर्कस, रोजा संस्थान, वायस आफ पीपुलस, सावित्रि वाई फूले महिला पंचायत, पीपुल युनियन फार सिविल लिबर्टी, एकता परिषद ट्रस्ट, वादा फाण्डेशन, नेशनल एलायंस आन टेस्टीमनी थेरेपी, परमार्थ, सखी केन्द्र, ग्राम्या, बुनकर दस्तकार अधिकार मंच, बराक ह्युमन राइटस एण्ड प्रोटेक्शन कमेटी, सेंटर फार पीस एण्ड हार्मोनी, संग्राम, इंस्टीटूट आफ सोशल डेवलपमेंट ट्र्स्ट संगठन शामिल हुए. संचालन मानवाधिकार जननिगरानी समिति के महासचिव डा0 लेनिन व सीनियर मैनेजर अनूप श्रीवास्तव ने कियाए स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्था की मैनेजिंग ट्रस्टी सुश्री श्रुति नागवंशी ने किया।

Friday, December 2, 2011

हिरासत मे रखकर पिटाई करने से अधमरा हुआ युवक अस्पताल मे भर्ती !


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From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/12/2
Subject: हिरासत मे रखकर पिटाई करने से अधमरा हुआ युवक अस्पताल मे भर्ती !
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
Cc: pvchr.india@gmail.com


सेवा मे,                                                              02 दिसम्बर, 2011

      अध्यक्ष महोदय,

      राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,

      नई दिल्ली,भारत !

विषय :- हिरासत मे रखकर पिटाई करने से अधमरा हुआ युवक अस्पताल मे भर्ती !

महोदय,

      हम आपका ध्यान घूरेलाल, उम्र - 28 वर्ष, निवासी :- कछवा बाज़ार, थान - कछवा, जिला - मिर्जापुर् (उत्तर प्रदेश्) के निवासी की ओर आकृष्ट कराना चाहूगा !

      पीडित को थाना इलाका कछवा (मिर्जापुर्) की पुलिस द्वारा मंगलवार रात पूछ्ताछ के लिए थाने उठा ले गए, सुबह जब पीडित के भाई राजेश थाने गया तो पुलिस पैसे की मांग किये, जब पीडित परिवार द्वारा पैसा उपलबध नही करायी गयी, तब उसे बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी हालत गम्भीर हो गयी और दिन गुरूवार को पुलिसवाले उसे अधमरा अवस्था मे बीएचयू स्थित अस्पताल ले गई !

      जिससे साबित होता है कि युवक का हालत इतनी ज्यादा खराब हो गयी थी की उसे अपने जनपद के किसी सरकारी या सामान्य अस्पताल मे भर्ती कराना खतरा हो सकता है, या पुलिस जानबूझ कर जनपद के बाहर ले गये, जिससे स्थानीय स्तर पर बबाल न हो ! संलग्नक :- http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111202a_003190013&ileft=689&itop=573&zoomRatio=276&AN=20111202a_003190013

      गिरफ्तारी, हिरासत और पूछ्ताछ मे माननीय उच्चतम न्यायलय द्वारा दिये गये फैसले जो डी0के0 बसु बनाम प0 बंगाल राज्य के सन्दर्भ मे गाईड लाईंसा का सरासर उल्लघन किया गया है, 24 घण्टा से ज्यादा पुलिस हिरास्त मे रखा गया और बेरहमी से पिटाई की गयी !         

           अत: महोदय से निवेदन है कि उक्त प्रकरण को  गम्भीरता से लेते हुये दोषी पुलिस थाना पर कानूनी कार्यवाही करने के साथ गवाहो को सुरक्षा प्रदान किया जाय तथा पीडित को मुआवजा की राशि प्रदान कराने की त्वरित आदेश / निर्देश देने की कृपा करे, ताकि पीडित के साथ न्याय हो और कानून का राज स्थापित हो सके !


                                                                                                               डा0 लेनिन
 

                                                                                    (महा सचिव)

                                                    मानवाधिकार जन निगरानि समिति
                                                     एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
                                                         मोबा.न0:+91-9935599333

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संलग्नक :- http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111202a_003190013&ileft=689&itop=573&zoomRatio=276&AN=20111202a_003190013



Wednesday, November 23, 2011

पंजाब के कपूरथला सेंट्रल जेल मे पुलिस फायरिंग मे कैदियो की मौत और घायल होने के समबन्ध में।



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From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2011/11/21
Subject: पंजाब के कपूरथला सेंट्रल जेल मे पुलिस फायरिंग मे कैदियो की मौत और घायल होने के समबन्ध में।
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: akpnhrc@yahoo.com


सेवा मे,                                        21 नवम्बर 2011

      अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

   नई दिल्ली,

विषय:- पंजाब के कपूरथला सेंट्रल जेल मे पुलिस फायरिंग मे कैदियो की मौत और घायल होने के समबन्ध में

महोदय,

       मै, आपका ध्यान 21 नवम्बर 2011 के टाईम्स आफ इंडिया की खबर  'Riot, arson sparks firing in Kapurthala jail' पर आकृष्ट करना चाहता हुँ। [i] http://timesofindia.indiatimes.com/india/Riot-arson-sparks-firing-in-Kapurthala-jail/articleshow/10811381.cms

    लेख है कि, पंजाब राज्य के कपूरथला सेंट्रल जेल मे एक सप्ताह मे दो कैदीयो की मौत के कारण कैदी विरोध कर रहे थे पुलिस की फायरिंग मे लगभग दो कैदियो की मौत हो गयी है और लगभग 15 से अधिक घायल हो गये

          महोदय, इस सम्बंध में निवेदन/मांग है कि घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच की जाय,मृतक कैदियो के परिवार वालो को रुपये 5 लाख मुआवजा दिया जाय, घायलो को मुफ्त चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध दी जाय तथा कदियो की मौत के लिये जिम्मेदार अधिकारियो को तत्काल बर्खास्त किया जाय । कृपया अतिशीध्र आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करे ।  

भवदीय

डा लेनिन

(महा सचिव)

मानवाधिकार जन निगरानि समिति

एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
   मोबा.न0:+91-9935599333

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Tuesday, November 15, 2011

First National Convention on HRDs

http://www.pvchr.net/2011/11/first-national-convention-on-hrds.html

Fwd: खीरी के ढखेरवा में पुलिस हिरासत में पिटाई से युवा दुकानदार की मौत !



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From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/11/15
Subject: खीरी के ढखेरवा में पुलिस हिरासत में पिटाई से युवा दुकानदार की मौत !
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
Cc: pvchr.india@gmail.com


सेवा मे,                                                              15 नवम्बर, 2011

      अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवअधिकार आयोग,

   नई दिल्ली,भारत !

विषय :- खीरी के ढखेरवा में पुलिस हिरासत में पिटाई से युवा दुकानदार की मौत !

महोदय,
      हम आपका ध्यान लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश के ढखेरवा पुलिस चौकी की ओर ध्यान आकृष्ट कराना चाहुगा, जहा शनिवार की रात हिरासत मे रखकर युवा दुकानदार रंजीत मौर्या, पुत्र - सुरज प्रसाद, निवासी - लक्खनपुरवा को पुलिस ने इतनी बेरहमी से पीटा की उसकी मौत हो गयी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे भी पुष्टि हुई है ! 

     मौत को आत्महत्या बताने के लिए पुलिस ने मृतक रंजीत के शव को पुलिस चौकी मे लगे पंखे से लटका दिया ! मृतक के परिजन जब इस सन्दर्भ मे पूछ - ताछ कर रहे थे तब सम्बन्धित पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियो ने मृतक के भाभी, माता जी तक को लाठियो से पीट डाला ! यह खबर दैनिक अखबार मे छापा गया, संलग्न है - http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111114a_013190006&ileft=690&itop=87&zoomRatio=276&AN=20111114a_013190006         

 हिरासत मे हिंसा की बढ्ती घटनाओ को देखते हुए, माननीय उच्चतम न्यायालय - भारत ने डी0के0 बसु बनाम प0 बंगाल सरकार, (1997), दिये निर्देश का सरासर उल्लघन हो रहा है !  

                   अत: महोदय से निवेदन है कि उक्त प्रकरण को  गम्भीरता से लेते हुये त्वरित आदेश / निर्देश देने की कृपा करे, ताकि मामला लम्बी प्रक्रिया का शिकार न हो जाए, गवाह को सुरक्षा प्रदान कराने और पीडित परिजन को न्याय दिलाने के साथ ही साथ कम से कम 5 लाख रूपया की मुआवजा प्रदान कराने की कृपा करे !


                                                                                                               डा0 लेनिन
 

                                                                                    (महा सचिव)

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Upendra Kumar
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Monday, November 14, 2011

Fwd: युवक को 24 घंटो से ज्यादा लोहता थाना, वाराणसी, उत्तर प्रदेश मे रखने व पुलिसकर्मियो द्वारा धकमी देने के सन्दर्भ मे !



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From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/11/15
Subject: युवक को 24 घंटो से ज्यादा लोहता थाना, वाराणसी, उत्तर प्रदेश मे रखने व पुलिसकर्मियो द्वारा धकमी देने के सन्दर्भ मे !
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
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सेवा मे,                                                              15 नवम्बर, 2011

      अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवअधिकार आयोग,

   नई दिल्ली,भारत !

विषय :- युवक को 24 घंटो से ज्यादा लोहता थाना, वाराणसी, उत्तर प्रदेश मे रखने व पुलिसकर्मियो द्वारा धकमी देने के सन्दर्भ मे !

महोदय,
      हम आपका ध्यान लोहता क्षेत्र के भिटारी गांव के दिनेश कुमार की ओर आकृष्ट कराना चाहुगा, जिन्हे 05 नवम्बर, 2011 से लोहता थाना मे अवैध हिरासत मे रखा गया था, जो स्थानीय अखबार मे छपी और आईजी रेंज आरपी सिह के आदेश पर जांच शुरू भी हुई ! थानाध्यक्ष अपने को बचाने के लिये दुसरे जनपद के थाना के पुलिस कर्मी का इस्तेमाल मामल को दबाने के लिए कर रहे है ! जो आज के दैनिक अखबार मे छ्पा है, संलग्न - http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111114a_004190007&ileft=689&itop=519&zoomRatio=276&AN=20111114a_004190007 
     05 नवम्बर, 2011 से आज 15 नवम्बर, 2011 बितने वाला है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की त्वरित कार्यवाही दोषी व अवैध हिरासत मे रखने वाले पुलिस कर्मी पर नही की गयी ! यहा डी0के0 बसु बनाम प0 बंगाल मे माननीय उच्चतम न्यायालय - भारत द्वार दिये फैसले का सरासर उल्लघन है !  

                   अत: महोदय से निवेदन है कि उक्त प्रकरण को  गम्भीरता से लेते हुये त्वरित आदेश / निर्देश देने की कृपा करे, ताकि मामला लम्बी प्रक्रिया का शिकार न हो जाए, पीडित के साथ न्याय हो और गवाह को सुरक्षा प्रदान कराने की कृपा करे !


                                                                                                               डा0 लेनिन
 

                                                                                    (महा सचिव)

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Upendra Kumar
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Friday, November 4, 2011

Presentation before Select Committee on Prevention of torture bill

-----Original Message-----
From: PVCHR ED [mailto:pvchr.india@gmail.com]
Sent: 16 September 2010 09:46
To: mtiwari@sansad.nic.in
Cc: PVCHR
Subject: Presentation before Select Committee on Prevention of torture bill

Sri Mahesh Tiwari
Joint Director, Rajya Sabha

Sir,

Sub; Prevention of torture Bill 2010.

With reference to your public notification, we in Peoples' Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR) request you to provide us the opportunity to appear before the honourable members of the select committee for a presentation/submission. The organisation will be represented by Dr Lenin Raghuvanshi, Executive Director, Ms Emma Reilly, Law Officer, Rehabilitation and Research centre for Torture Victims(RCT), research partner of PVCHR. In case, of any eventuality, Dr Mohanlal Panda, Advisor, PVCHR will be present.

Please find the first attached the document PVCHR has circulated to all the honourable members of parliament and has placed it in public domain for necessary inputs. this document has been generated by legal team of RCT through its work with PVCHR in the last four years with victims of torture in the state of Uttar Pradesh.

This document, is a study, highlighting the gaps between the UNCAT and what the present bill offers to the citizens.

Our organisations' initiative for establishing 'Testimonial Therapy'
has helped in empowering victims of torture and their psychological rehabilitation. Please find the document as second annexure on right to rehabilitation.

Kind regards

Dr. Lenin
Executive Director-PVCHR/JMN
Mobile:+91-9935599333


*This message contains information which may be confidential and privileged.
Unless you are the addressee or authorised to receive for the addressee, you may not use, copy or disclose to anyone the message or any information contained in the message. If you have received the message in error, please advise the sender by reply e-mail to pvchr.india@gmail.com and delete the message. Thank you.*

Tuesday, November 1, 2011

कैदी से मिलने गयी पत्नी के साथ चार जेलकर्मियो ने किया बालात्कार - फर्रूखाबाद्,


Prisoner wife raped in Farrukhaba​d District Jail by jail wardens

Sunday, October 16, 2011

रेलवे पुलिस के द्दारा सुरक्षा गार्ड के नाखुन उखाडने,गर्म पानी मे खडा करने,पैरो मे कील ठोकने, पिटाई करने जैसे उत्पीडन करने के सम्बन्ध मे



---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2011/10/16
Subject: रेलवे पुलिस के द्दारा सुरक्षा गार्ड के नाखुन उखाडने,गर्म पानी मे खडा करने,पैरो मे कील ठोकने, पिटाई करने जैसे उत्पीडन करने के सम्बन्ध मे
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: akpnhrc@yahoo.com


सेवा मे,                                        16 अक्तुबर 2011

      अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

   नई दिल्ली,

विषय:-  रेलवे पुलिस के द्दारा सुरक्षा गार्ड के नाखुन उखाडने,गर्म पानी मे खडा करने,पैरो मे कील ठोकने, पिटाई करने जैसे उत्पीडन करने के सम्बन्ध मे

महोदय,

       मै, आपका ध्यान 10 अक्टुबर 2011 के दैनिक भास्कर की खबर ' रक्षक बने भक्षक ,कुछ कर दी यु पार कर दी दरिन्दगी की हद ' पर आकृष्ट करना चाहता हुँ।[i] http://www.bhaskar.com/article/JHA-RAN-rpf-harrased-the-man-in-jharkhand-2501258.html?HFS-11=   

    लेख है कि, झारखंड के रांची मे रेलवे सुरक्षा पुलिस के तीन जवानो ने चोरी के सन्देह मे रेलवे के सुरक्षा गार्ड दिलबोधन को पकड कर उसके साथ अमानवीय कृत्य किया है। दिलबोधन को पुलिस वालो ने चोरी के सन्देह मे पुछताछ के लिये पकडा था ।उसके हाथ-पैर के नाखुनो को उखाडा गया,उसे गर्म पानी मे खडा किया गया,पैरो मे कील ठोकी गयी तथा बेरहमी से पिटाई की गयी ।  

           महोदय, इस सम्बंध में निवेदन/मांग है कि घटना की स्वतंत्र जांच करायी जाय, दिलबोधन को मुआवजा दिया जाय तथा दोषी पुलिसकर्मीयो के खिलाफ कार्यवाही की जाय। कृपया, अतिशीध्र आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करे ।  

भवदीय

डा लेनिन

                                                                             (महा सचिव)

मानवाधिकार जन निगरानि समिति

एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
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Sunday, October 2, 2011

Detention Watch: An initiative for inculcating humane approach towards detainees convicted wrongfully

   

The detention Watch was launched, as an outcome to the series of dialogues with various organizations associated with PVCHR and National Alliance on Testimonial Therapy (NATT). In PVCHR, where its secretariat is housed, the Detention Watch was formally launched with गिरफ़्तारी पर गश्त www.detentionwatch.blogspot.com on 23rd April, 2011. The objectives of ‘Detention Watch’ is to monitor detention of any type, whether adult or children, are detained be it in - judicial custody, police lock up, custody in remand home or  administrative custody.



Detention Watch is not only raising the issue of detention but also it is keeping an eye on the condition of prisons by using the Right to Information (RTI) Act or other sources. Seeing the pitiful condition of the prison, ‘Detention Watch’ advocates pardon for those convicted for life term. In view of the overcrowded prisons, “Detention Watch’ suggests that only hard-core prisoners be kept in jail. Prisoner nabbed for trivial cases should be released on bail.

The effort put forth by ‘Detention watch’ has brought it limelight as notices served to police authorities such as such as Chief Secretary of the states, Director General of Police (DGP) and Director General of Prison.
As Ram Lal received Rs 10,000 from the police officials in Padri police station, Mirzapur where he was tortured and departmental disciplinary action was initiated against alleged police officials was initiated.

 In the case of Ram Lal Patel the National Human Rights Commission (NHRC) directed the UP Government to disburse Rs. 500,000 (Rupees Five Lakh) as compensation as his brother Santosh Patel was killed in a fake encounter, though a CBCID enquiry is still going on. Even prompt responses were received from the DGP office on the online complaints.
Detention Watch is also making inroads in the conflict region, namely North –East and Kashmir. Recently National Human Rights Commission (NHRC) sought explanation from J&K police on non-compliance of Commission's guidelines in case of a death in the police custody. As it happened with 28-year old Nazim Rashid of Sopore town, North Kashmir in J& K on 31st July, 2011



It was published first as news in the first paper of Greater Kashmir news. (http://www.greaterkashmir.com/news/2011/Aug/5/nhrc-seeks-explanation-from-jk-police-85.asp)


In August, 2009 after the intervention by PVCHR 4 innocent young boys (Salam James, Haobijam Nanao, Oinam Somorjit Singh and Nongthoujam Somarjit Singh) and a girl (Bidya Rani) were released in Manipur.


Friday, September 30, 2011

जेल में कैदी ने की आत्महत्या"



---------- Forwarded message ----------
From: shabana khan <shabana@pvchr.org>
Date: 2011/9/30
Subject: जेल में कैदी ने की आत्महत्या"
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: Lenin Raghuvanshi <pvchr.india@gmail.com>, akpnhrc@yahoo.com


To,

Chairperson

National Human Rights Commission

New Delhi

 


Dear Sir,

 

I want to bring in your kind attention towards the news published in daily hindi e- newspaper Jagaran " जेल में कैदी ने की आत्महत्या" on 29th September, 2011 http://in.jagran.yahoo.com/news/local/rajasthan/4_9_8285132.html

 

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। बीकानेर जिले में बुधवार दोपहर गोविन्द नामक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आजीवन कारावास की सजा काट रहे गोविन्द की आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है। जानकारी के मुताबिक उसने जेल के टॉयलट में फांसी लगाई। उसके शव को मोर्चरी में रखा गया है। जेल प्रशासन इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

बीकानेर जेल कर्मचारियों द्वारा अवैध चौथ वसूली और मारपीट के कारण पहले भी चर्चा में रही है।

Therefore it is kind request

 

1.   To conduct an inquiry in this incident of custodial death under section 176(1)A Cr.PC by a Judicial Magistrate.

2.   To provide compensation to the victim's family.

3.   To ensure Videography of the Post-Mortem Report of the victim & the same is informed to NHRC. 

 

Thanking You

 

Sincerely Yours

 

Lenin Raghuvanshi

Secretary General

Peoples' Vigilance Committee on Human Rights

Sa 4/2 A Daulatpur, Varanasi - 221002

Mobile No: +91-9935599333

 




Wednesday, September 28, 2011

Fwd: Another custodial death, Bihar Police on rampage in the state



---------- Forwarded message ----------
From: shabana khan <shabana@pvchr.org>
Date: Wed, Sep 28, 2011 at 1:15 PM
Subject: re: Another custodial death, Bihar Police on rampage in the state
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: akpnhrc@yahoo.com, Lenin Raghuvanshi <pvchr.india@gmail.com>


To,
Chairperson
National Human Rights Commission
New Delhi

Respected Sir,
 
I want to bring in your kind attention towards the news published in News First on 19th September, 2011 regarding Another custodial death, Bihar Police on rampage in the state  http://www.newzfirst.com/web/guest/full-story/-/asset_publisher/Qd8l/content/another-custodial-death-bihar-police-on-rampage-in-the-state?redirect=%2Fweb%2Fguest%2Fhome 
 
SIWAN - 20 yrs old Govind Rajbhar died inside the lock up of town Police station of Siwan district on Thursday night. It is the second custodial death in a week in Bihar. 

Police informed the deceased's family late night that Govind Rajbhar has been admitted to town hospital after serious illness. As the family members reached at the hospital found themselves in the state of shock. Govind was dead at hospital.

 Police claimed that Govind committed suicide inside the lockup by hanging himself with the blanket, which is provided by Police to every inmate. Police had detained him under theft case. The family members accused police of using third degree against him.

 The local public enraged over this incident and blocked the road, created hardship to the people of town. Tension gripped as the police tried to disperse the crowd and this turned into a battle field. Local residents and political party workers attacked each other leaving a dozen people injured. The situation came under control after the intervention of higher official.

Govind Rajbhar, was a Mahadalit and Poldar (a person use to unload bags from commercial vehicles) by his profession. Sub-Divisional Police Officer, Ashok Choudhary refuted the charge of relatives that Govind was taken to custody on Wednesday. He said that the theft incident occurred on Thursday, the question of his arrest a day before couldn't arise. He also added that Govind was notorious thief, who released on bail from jail after spending six month.

DIG(Saran Range) has ordered magisterial inquiry  and video shooting of post-mortem as per NHRC guidelines. District SP, Amrit Raj, said a formal recommendation has been sent for magisterial probe and he assured people's that guilty police men would not be spared.      

In another Police atrocity case appeared on Tele vision channel on Thursday that, policemen in presence of DIG and SP, brutally assaulted women and children at Noorsarai Police Station in Nalanda district,  home town of Chief Minister Nitish Kumar.

After repeated telecast of the incident, in which police had been beating women with impunity. Some policemen were seen in vests and undergarment. This has forced the Govt. to take stringent action against police force.

Earlier, women with their children were surrounded the police station. They had been protesting against police inaction over alleged kidnapping and murder of a woman who hails from Chanadsi village under Noor Sarai Police Station.    

Police department set an example by shifting all 30 policemen including six sub-Inspector and assistant sub-Inspector. They all were asked to report police line with immediate effect.  


Therefore it is kind request To conduct an inquiry in this incident of custodial death under section 176(1)A Cr.PC by a Judicial Magistrate.
2.     To provide compensation to the victim's family.
3.     To ensure Videography of the Post-Mortem Report of the victim & the same is informed to NHRC. 
 
Thanking You
 
Sincerely Yours
 
Lenin Raghuvanshi
Secretary General
Peoples' Vigilance Committee on Human Rights
Sa 4/2 A Daulatpur, Varanasi - 221002
Mobile No: +91-9935599333
 
 



Sunday, September 18, 2011

Upper caste Hindus are playing the game of plan against Dalit Musahar in Eastern part of UP, India



---------- Forwarded message ----------
From: UP Police Computer Cetre Lucknow <uppcc-up@nic.in>
Date: Mon, Sep 19, 2011 at 10:10 AM
Subject: Fwd: Upper caste Hindus are playing the game of plan against Dalit Musahar in Eastern part of UP, India
To: DIG Police ComplaintCell Lucknow <digcomplaint-up@nic.in>
Cc: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>


Sir
The complaint attached with above email is being forwarded to your kind attention and response.
UPPCC


---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
To: PVCHR <pvchr@rediffmail.com>
Date: Sun, 18 Sep 2011 18:50:17 +0530
Subject: Upper caste Hindus are playing the game of plan against Dalit Musahar in Eastern part of UP, India

We received the information from Mr. Mahatim Mushar from Sakara village under Ram pur police station, Jaunpur that In charge of Bhadohi Kotawali of Sant Raidas nagar came to Sakara village under Rampur Police station of Jaunpur district and detained Dabbal Mushar son of Rama and Dilbahar son of Jetu on nearly 8 AM of 18 September 2011.

When Mahatim of same village went Bhadohi Kotwali and asked to in charge of Kotwali about the reason, then he abused him and told that Dilbahar and Dabbal stolen Gun of a Brahmin.

 

It is noted that this Mushar are fighting against Mafia don Munna Bajarangis' Gang.Please immediately intervene against this manipulating act.

 

 

With warm regards,

Lenin Raghuvanshi

Secretary General

PVCHR

SA 4/2 A, Daulatpur, Varnasi-221002

Mobile:+91-9935599333

 
Hatred does not cease by hatred, but only by love; this is the eternal rule.
--The Buddha
 
"We are what we think. With our thoughts we make our world." - Buddha
 
 
This message contains information which may be confidential and privileged. Unless you are the addressee or authorised to receive for the addressee, you may not use, copy or disclose to anyone the message or any information contained in the message. If you have received the message in error, please advise the sender by reply e-mail to pvchr.india@gmail.com and delete the message. Thank you.



Saturday, September 17, 2011

Fwd: फतेहगढ सेंट्रल जेल मे बन्दी से मिलने गयी महिला के साथ बन्दी रक्षको द्दारा सामुहिक बलात्कार के सम्बन्ध में।



---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2011/9/17
Subject: फतेहगढ सेंट्रल जेल मे बन्दी से मिलने गयी महिला के साथ बन्दी रक्षको द्दारा सामुहिक बलात्कार के सम्बन्ध में।
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: akpnhrc@yahoo.com


सेवा मे,                                                      17 सितम्बर 2011

      अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

   नई दिल्ली

विषय:- फतेहगढ सेंट्रल जेल मे बन्दी से मिलने गयी महिला के साथ बन्दी रक्षको द्दारा सामुहिक बलात्कार के सम्बन्ध में

महोदय,

       मै, आपका ध्यान 21 सितम्बर 2011 के इंडिया टुडे अंक की खबर 'जेल के बाहर खराब खेल ' पर आकृष्ट करना चाहता हुँ. (पत्रिका की कतरन सलग्न).

    लेख है कि उत्तर प्रदेश के जिला फरुर्खाबाद की फतेहगढ सेंट्रल जेल मे 22 अगस्त 2011 को उत्तर प्रदेश के औरेया जिले के थाना अहिरवा कटरा की सुधा कटरिया अपने पति राजबीर से मिलने आयी थी । जेल के बगल के खंडहर मे बन्दी रक्षक अजय,मुशरफ,कृष्ण मुरारी और वीरेश ठाकुर ने बलात्कार किया ।  

          महोदय, इस सम्बंध में निवेदन/मांग है घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच करायी जाय था पीडिता को मुआवजा दिया जाय। कृपया अतिशीध्र आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करे ।  

 

डा लेनिन

(महा सचिव)

मानवाधिकार जन निगरानि समिति

एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी

मोबा.न0:+91-9935599333

pvchr.india@gmail.com

www.pvchr.org

www.pvchr.net

 

 

 

 

 





India Today[1]