Wednesday, April 25, 2012
दुष्कर्म के मामले मे पुलिस ने सीओ को बचाने के लिए एफ.आइ.आर. का मुख्य पेज कर दिया गायब के सन्दर्भ मे !
दुष्कर्म के मामले मे पुलिस ने सीओ को बचाने के लिए एफ.आइ.आर. का मुख्य पेज कर दिया गायब के सन्दर्भ मे !
Tuesday, April 24, 2012
उत्तर प्रदेश के बभनी थाना क्षेत्र के सतबहिनी गांव की ओर आकृष्ट कराना चन्हुगा, जहा बृहस्पतिवार को पंचायत के फरमान के बाद महिला को डायन कहकर जूते-चप्पलों से पीटा गया।
Thursday, April 19, 2012
शाबासी व ईनाम प्रोन्नत पाने के लिए तथा सोची समझी रणनीति के तहत 12 दिसम्बर 2007 तारिक कासमी को थाना रानी की सरांय जिला आजमगढ़ से उत्तर प्रदेश एस0टी0एफ0 ने अवैध रूप से उठाकर फर्जी मामलो मे फसाने के सम्बन्ध मे !
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली
विषय : शाबासी व ईनाम प्रोन्नत पाने के लिए तथा सोची समझी रणनीति के तहत 12 दिसम्बर 2007 तारिक कासमी को थाना रानी की सरांय जिला आजमगढ़ से उत्तर प्रदेश एस0टी0एफ0 ने अवैध रूप से उठाकर फर्जी मामलो मे फसाने के सम्बन्ध मे !
वस्तु स्थिति यह है कि कचहरी सीरियल बम विस्फोट काण्ड में फैजाबाद जनपद में अधिवक्ता समेत कई लोग मारे गए थे, ऐसे गंभीर घटना का खुलासा करने में एस0टी0एफ0 असमर्थ रही तो उसने अपना पीछा छुड़ाने के लिए शाबासी व ईनाम प्रोन्नत पाने के लिए तथा सोची समझी रणनीति के तहत 12 दिसम्बर 2007 तारिक कासमी को थाना रानी की सरांय जिला आजमगढ़ से उत्तर प्रदेश एस0टी0एफ0 द्वारा उठा लिया गया था। जिसका मुख्य सबूत यह है कि वहां आने वाले सभी अखबारों ने इस घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। तारिक कासमी के दादा ने दिनांक 14 दिसम्बर 2007 को लिखित सूचना थाना रानी की सरांय जिला आजमगढ़ को दिया था किन्तु पहले से गिरफ्तार तारिक कासमी को बाराबंकी रेलवे स्टेशन के सामने फर्जी तरीके से आर0डी0एस0 व डिटोनेटर के साथ गिरफ्तारी दिखाई। उन्हीं के साथ खालिद मुजाहिद थाना मडि़याहूं जिला जौनपुर से दिनांक 16 दिसम्बर 2007 को उ0प्र0 एस0टी0एफ0 द्वारा उठा लिया गया था, जिसकी पुष्टि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जन सूचना अधिकारी क्षेत्राधिकारी मडि़याहूॅ ने लिखित रूप में की है। बरामदगी आर0डी0एक्स0 व डिटोनेटर से सम्बंधित बात भी झूठी है क्योंकि उत्तर प्रदेश एस0टी0एफ0 का कहना है कि आर0डी0एक्स व डिटोनेटर बरामदगी के साथ दोनों नौजवानों के मोबाइल दिनांक 22.12.2007 को सुबह 9.00 बजे तक स्वीच आॅफ कर सर्वमोहर कर दिया गया था, किन्तु ए0टी0एस0 के विवेचना अधिकारी ने जो काल डिटेल दाखिल की है उसमें खालिद मुजाहिद के पास बरामद मोबाइल पर दिनांक 22.12.2007 को 11.49 बजे दिन में एस0एम0एस0 आया है जिससे साबित होता है कि रेलवे स्टेशन के सामने कोई भी बरामदगी नहीं हुई और न ही कोई चीज सर्वमोहर की गई।
तारिक कासमी व खालिद मुजाहिद के पास बरामद मोबाइल व कपड़ों को एस0टी0एफ0 द्वारा नए मारकीन के कपड़े खरीद कर सर्वमोहर करना बताया गया था, जबकि न्यायालय के समक्ष जब दोनों सर्वमोहर पैकेट सी0ओ0 चिरंजीव नाथ सिन्हा के साक्ष्य के समय खोला गया तो पुरानी सफेद चादर के दो भाग करके माल सर्वमोहर होना पाया गया जिससे यह साबित होता है कि रेलवे स्टेशन के सामने कोई बरामदगी व लिखा पढ़ी नहीं हुई थी।
लखनऊ में एस0टी0एफ0 द्वारा फर्द बरामदगी में साइकिल बरामद करना बताया गया है लेकिन फर्द बरामदगी में साइकिल का फ्रेम नम्बर और विवेचना में साइकिल की रसीद में दिए गए फ्रेम नम्बर अलग-अलग है।
महत्वपूर्ण बात यह भी है कि तत्कालीन पुलिस प्रमुख विक्रम सिंह तथा बृजलाल ने योजनाबद्ध तरीके से मुस्लिम नौजवानों को आतंकी घटनाओं में निरूद्ध किया था। जनता के दबाव पर सरकार ने आर0डी0 निमेष कमीशन भी बनाया जिसकी भी रिपोर्ट अभी तक तैयार नहीं हुई। इन फ़र्ज़ी मुकदमों को अविलम्ब वापस लेने की आवश्यकता है। जिससे जनता में विधि के शासन के प्रति विश्वास पैदा हो सके पुलिस में मौजूद उन तत्वों की छानबीन करने की आवश्यकता है जो फ़र्ज़ी मुकदमों में लोगों को निरूद्ध करते हैं।
कचहरी सीरियल बम विस्फोट कांड में एस0टी0एफ0 ने फर्जी लोगों की गिरफ्तारी करके केस को न खोला होता और ईमानदारी से छानबीन की होती तो वास्तविक मुल्जिम पकड़े जाते और आतंक फैलाने वाली घटनाओं पर अंकुश लगता।
अतः आपसे यह निवेदन है कि आतंकवाद के नाम पर सोची समझी रणनीति के तहत गिरफ्तार सभी मुल्जिमानों को अविलम्ब रिहा करें तथा निरूद्ध व्यक्तियों को उचित मुआवजा दें तथा दोषी अधिकारियों को दण्डित भी करें व कचहरी सीरियल बम विस्फोट कांड में पुनः जांच कर दोषियों/अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए।
Wednesday, April 18, 2012
उत्तर प्रदेश के अलीगढ जनपद मे युवक की मृत्यु पुलिस हिरासत मे !
अलीगढ़ मे पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन गु्रप [एसओजी] की हिरासत में एक युवक की मौत हो गयी,परिजनों ने एसओजी पर युवक की पीटकर हत्या करने का आरोप लगाते हंगामा शुरू कर दिया। देर शाम एसओजी प्रभारी समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। देर रात पूरी टीम को निलंबित कर दिया गया।
गभाना क्षेत्र के गांव पनिहावर निवासी श्यामू [29] अपने भाई रामू के साथ बहन के गांव रुस्तमपुर गया था। रविवार सुबह 11.30 बजे वहां एक बोलेरो से एसओजी के चार-पांच सिपाही पहुंचे और रामू और श्यामू को पकड़कर थाना क्वार्सी ले आए। यहां कुछ देर तक पूछताछ करने के बाद टीम ने श्यामू को तालानगरी की तरफ ले जाकर पूछताछ की।
पुलिस का कहना है कि यहां श्यामू ने अचानक एक कैप्सूल निकाकर खा लिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और मेडिकल कालेज ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया। हिरासत मे लेने के बाद पुलिस कर्मी ने मृतक की शरीर का छानबीन जरूर किये होंगे, इस लिए पुलिस का यह बयान गलत है, अखबार मे छपी खबर है की मृत्यु होने के बाद पुलिसकर्मी लाश मेडिकल कॉलेज में छोड़कर खिसक गए। श्यामू के भांजे प्रदीप का आरोप है कि एसओजी ने उसके मामा श्यामू को इतना पीटा कि उनकी मौत हो गई। मेडिकल कालेज में उनकी लाश सिर्फ कच्छा-बनियान में मिली है। पैंट-शर्ट और जूते गायब थे।
जनता ने भी श्यामू की हिरासत के दौरान हत्या का आरोप लगाते हुए एसएसपी पीयूष मोर्डिया से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
देर शाम श्यामू के भाई मनवीर सिंह की तहरीर पर क्वार्सी थाने में एसओजी प्रभारी आनंद कुमार, दरोगा प्रमोद कुमार, अशोक यादव, वीरेंद्र सिंह, दुर्विजय यादव, रामनाथ व संजय सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखा गया है। देर रात सभी को निलंबित कर दिया गया। रामू और श्यामू पर कई मुकदमे दर्ज हैं। रामू पांच हजार रुपये का इनामी है, उसकी गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट का स्टे चल रहा है। जबकि श्यामू जमानत पर चल रहा था।
Saturday, April 14, 2012
पुलिसिया जुल्म से लड़ा और जीता रामलाल
पुलिसिया जुल्म के शिकार उस रामलाल की कहानी भेजी है जिसने हार नहीं मानी. प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों से लेकर, मुख्यमंत्री, राज्य मानवाधिकार आयोग और दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक; अपने साथ हुए ज़ोर-जुल्म की शिकायत लेकर गए रामलाल. आखिरकार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप से उनके साथ ज़्यादती करने वाले पुलिसकर्मियों पर क़ानून कार्रवाई शुरू हो पायी और रामलाल को मुआवज़ा भी मिल सका. चेक मिलने की जानकारी नही होने के कारण चेक के दिनांक के बाद रामलाल ने बैंक एकाउण्ट खुलवाया, जिससे चेक जमा नही हो पाया, फिर इस सन्दर्भ मे पैरवी की गयी, अखिर मे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद पुन: मुवावजा प्राप्त हुआ. सच है कि मुआवज़े से पीड़ा की भरवाई तो नहीं हो सकती लेकिन इसका प्रतीकात्मक अर्थ तो है ही. और संघर्ष अभी जारी है.
रामलाल, पुत्र - श्री छेदी बिंद, गाँव – सागर सेमर, पोस्ट – हिनौती, थाना – पडरी, जिला-मिर्जापुर उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। 2 मई 2009 को रात लगभग 10 बजे थाना-चुनार (मिर्जापुर) के पुलिसकर्मी जबरदस्ती इन्हें अपने गाड़ी में बिठा ले गए। उसी रात लगभग 11.00 बजे इनके घर में तोड़फोड़ किया गया, बक्से में पड़े 7,000/- रुपये (जो उधार लिया गया था), 5 साड़ी, 1/2 किलो चाँदी की हंसुली, पायल, चाँदी की सिकड़ी तथा उनके लड़का का चाँदी की हाथ का बल्ला उठा लाये। उस रात 2 बजे इन्हें हवालात में बन्द कर दिया गया। कुछ समय बाद 2 सिपाही आकर हथकड़ी लगाकर रात में जीप में बिठाकर दरोगाजी श्री सुर्दशन के निवास स्थान पर ले गये। वहां से ये लोग डगमगपुर स्थित एक सुनसान क्षेत्र में एक फैक्ट्री के पास ले गए और वहाँ इनको डराते व धमकाते हुए दोष कबुलवाने की कोशिश करने लगे। उस समय राम लाल का पूरा शरीर पसीना से लथपथ हो गया। डर था कि कहीं मारकर फेंक न दिया जाय। आज भी वे उस दिन को याद करके सिहर उठते हैं। डराने-धमकाने के आधा घण्टा बाद पुलिस वाले इन्हें बिहारी ढाबा पर ले गये, जहाँ पुलिसकर्मी अपने लिये चाय और इन्हें कांच की गिलास में शराब दी पीने के लिए। इन्होंने कभी शराब नहीं पी थी। मना करने पर एक सिपाही आया और गाली देते हुए मारने लगा। दूसरा सिपाही जबरदस्ती मुँह में लगाकर दो गिलास शराब पिला दिया। उस समय स्थिति जैसे मरने की हो गयी थी और उसी स्थिति में अन्य 12 लोगों के घर में छापेमारी की गयी।
अगले दिन 31 मई, 2009 को दारोगाजी ने इन्हें फिर बुलवाया तथा थाना परिसर में रखे पत्थर पर बैठने को कहा। वहाँ दो बार इन्हें बिजली का करेंट दिया गया। इनका कण्ठ सुख रहा था लेकिन मांगने पर भी पानी नहीं दिया गया। तीसरी बार फिर करेंट दिया गया। जिससे ये बेहोश हो गये। पाँच दिनों तक बेहोशी में ही रहे। कुछ दिनों तक इन्हें कुछ भी याद नहीं आ रहा था और ये परेशान रहने लगे। सप्ताह भर अस्पताल में रह कर घर आये। पुलिस वालों की मनबढ़ी और और उनका जुल्म थमा नहीं था। इनको छोड़ने के एवज़ में उन्होंने इनके ससुर श्री लक्ष्मण व भाई जीतू से 13,000/- रुपये लिये। घर से उठाये गये सामानों में हसुली, पायल और बल्ला अब तक नहीं मिला है।
http://www.testimonialtherapy.org/2011/04/blog-post.html
http://www.scribd.com/doc/24441087/Times-of-India-Ram-Lal-Case
http://www.scribd.com/doc/30507887/NHRC-and-illegal-detention-of-Ram-Lal http://www.youtube.com/watch?v=5iojuKsRwBk
Wednesday, April 11, 2012
Fwd: Urgent Appeal: अनुसूचित जाति के मुसहर समुदाय के युवक मजदूर को पुलिस के गठजोर से गायब करने के सन्दर्भ में।
From: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
Date: 2012/4/11
Subject: Fwd: Urgent Appeal: अनुसूचित जाति के मुसहर समुदाय के युवक मजदूर को पुलिस के गठजोर से गायब करने के सन्दर्भ में।
To: Upendra PVCHR <pvchr.adv@gmail.com>, shabana <shabana@pvchr.asia>, mohanlal panda <pandaml67@gmail.com>
From: UP Police Computer Cetre Lucknow <uppcc-up@nic.in>
Date: 2012/4/11
Subject: Fwd: Urgent Appeal: अनुसूचित जाति के मुसहर समुदाय के युवक मजदूर को पुलिस के गठजोर से गायब करने के सन्दर्भ में।
To: digcomplaint-up@nic.in
Cc: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
To: uppcc@up.nic.in
Cc:
Date: Tue, 10 Apr 2012 18:17:22 +0530
Subject: Urgent Appeal: अनुसूचित जाति के मुसहर समुदाय के युवक मजदूर को पुलिस के गठजोर से गायब करने के सन्दर्भ में।
भारत : अनुसूचित जाति के मुसहर समुदाय के युवक मजदूर को पुलिस के गठजोर से गायब करने के सन्दर्भ में।
मुद्दे : बंधुआ श्रम, भ्रष्टाचार, डर से मुक्ति, खतरा, सही गरिमा के साथ जीने के लिए
10 अप्रैल, 2012
प्रिय मित्र,
मानवाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) कार्यालय मे मदद के लिए आये परिजनो से जानकारी मिली की ईंट भट्ठा मालिक और पुलिस कर्मी द्वारा गायब किये गये युवक मुसहर मजदूर ग्राम – जाम, थाना – सिकरारा, जिला – जौनपुर, उत्तर प्रदेश को जबरदस्ती उठा लिया गया, जिसकी सूचना अभी तक प्राप्त नही हुयी है की युवक को कहा रखा गया है !
प्रकरण विस्तार :
07 अप्रैल, 2012 को लगभग दोपहर के समय ईट भट्ठा मालिक अरविन्द यादव व पप्पू यादव, एस. बी. एफ. मार्का ईट, स्थान - पहाडपुर – मुडिहार, थाना – सैदपुर, जिला - गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) और पुलिस चौकी - जमालापुर के पुलिस कर्मियो द्वारा मुसहर युवक टिंकू, पुत्र - पौहारी मुसहर को स्थान – फजुलहा, थाना – रामपुर, जिला - जौंनपुर से जबरदस्ती उठा ले गये, लगभग 4 बजे के आस पास समिति के कार्यकर्ता को पीडित परिजन ने मोबाईल पर इसकी सूचना दिये.
कार्यकर्ता के कहने पर घटना स्थल से सम्बन्धित थाना रामपुर, जौनपुर को लिखित शिकायत करने की सुझाव दिया गया, जिस पर गायब हुए युवक के पिता पौहारी ने लिखित आवेदन पत्र थाना को दिया, लेकिन वहा के दरोगा जी ने लेने से इंकार करते हुए थाना सैद्पुर - गाजीपुर जाने को कहे, जहा का निवासी ईट भट्ठा मालिक है !
निराश परिजनो द्वारा काफी भाग - दौड करने के बाद भी सुनवायी नही होने पर 09 अप्रैल, 2012 को समिति के कार्यालय - वाराणसी आये, जहा से तुरंत पुलिस उप महानिरीक्षक - वाराणसी मण्डल, वाराणसी को टेलीग्राम भेजा गया और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग - नई दिल्ली के साथ अन्य सम्बन्धित कार्यालयो / विभागो को लिखित सूचना भेजा गया, मजदूरो से प्राप्त भट्ठा मालिक अरविन्द यादव के मोबाईल न0 - 9455668100 पर समिति के कार्यकर्ता द्वारा बात किया गया, उन्होने जबाब दिया की मै लखनऊ जा रहा हू माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलने, हमे नही पता की टिंकू कहा है, पता किजिए कही थाने या पुलिस चौकी मे होंगा !
10 अप्रैल, 2012 को पीडित परिजन ने लगभग 10 बजे सुबह फोन से सुचना दिये की टिंकू को भट्ठा मलिक बन्धक बनाकर रखा है और बेरहमी से मार पीट कर रहा है तथा 5 लाख रूपये की मांग कर रहा है, नही देने पर युवक को जान से मारने की धमकी दिया है, जिससे पीडित के गर्भवती पत्नी की हालत गन्भीर बनी हुई है! इससे पूर्व मे भी दिनांक 20 दिसम्बर, 2011 को जिलाधिकारी - गाजीपुर और श्रमायुक्त वाराणसी मण्डल को हलफनामामय शपथ पत्र पीडित व परिजनो द्वारा ईट - भट्ठा मालिक के उत्पीडन के सन्दर्भ भेजा गया था, कार्यवाही नही हुयी लेकिन उल्टी पीडित मजदूरो के सम्बन्धियो पर मालिक के द्वारा कहर बरपाया जाने लगा! इन सन्दर्भ मे 18 फरवरी, 2012 को सहायक श्रमायुक्त - गाजीपुर और जिलाधिकारी - गाजीपुर को हलफनामामय शपथ पत्र भेजा गया ! फिर भी मालिक द्वारा अत्याचार जारी रहा और प्रशासन मामले मे गम्भीरता नही लिये ! तब फिर पुलिस अधिक्षक - जौनपुर को 02 मार्च, 2012 को पौहारी मुसहर द्वारा आवेदन पत्र भेजा गया !
पुलिस - प्रशासन की अगम्भीरता रही तथा 07 अप्रैल, 2012 को ईट - भट्ठा मालिक तथा जमालापुर पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियो द्वारा टिंकू को जबरदस्ती उठा लिया गया !
उसी सन्दर्भ मे लगभग 11 ए.एम. बजे पर मोबाईल न0 – 9125639299 (बात करने वाला व्यक्ति जिला अध्यक्ष - समाजवादी पार्टी - गाजीपुर बताया ) से समिति के कार्यकर्ता के मोबाईल न0 पर फोन आया की लडका ठीक है, उसे कुछ नही होगा, मै उसे भेजवा रहा हु, गलतफहमी मे यह सब हो गया! जमालापुर पुलिस चौकी के कुछ पुलिस कर्मी परिचित है, इसलिए भट्ठा मालिक को सहयोग कर दिये, लड्का को पुलिस चौकी पर बैठया गया था जिससे उसका पिता हाज़िर हो जाये, शाम तक कोई नही आया इसलिए भट्ठा मालिक उसे भट्ठा पर ले गया! मज़दूरो का मोबाईल न0 सर्विलांस पर है इसलिए हमे जानकारी मिली, हम उसे घर या कार्यालय पहुंचा देते है!
पत्र प्रारूप :
…………………..
…………………..
…………………..
विषय: अनुसूचित जाति के मुसहर समुदाय के युवक मजदूर को पुलिस के गठजोर से गायब करने के सन्दर्भ में।
पीड़ितों के नाम
1. टिंकू मुसहर, लगभग 20 साल, पुत्र – पौहारी, ग्राम – जाम, थाना – सिकरारा, जिला – जौनपुर, उत्तर प्रदेश!
2. पौहारी, 55 साल, पुत्र - प्रसाद मुसहर, ग्राम – जाम, थाना – सिकरारा, जिला – जौनपुर, उत्तर प्रदेश!
3. विट्ट्न, 22 साल, पत्नी - मकल्लू मुसहर, ग्राम – पख्खीपुर, थना – बदलापुर, जिला – जौनपुर, उत्तर प्रदेश!
4. भरत, पुत्र – विशुनी, ग्राम – जाम, थाना – सिकरारा, जिला – जौनपुर, उत्तर प्रदेश!
5. नीलू, पत्नी – भरत, ग्राम – जाम, थाना – सिकरारा, जिला – जौनपुर, उत्तर प्रदेश!
6. गुड्डी मुसहर, पत्नी – टिंकू, ग्राम – जाम, थाना – सिकरारा, जिला – जौनपुर, उत्तर प्रदेश!
7 दुर्गावती., पत्नी – पौहारी, ग्राम – जाम, थाना – सिकरारा, जिला – जौनपुर, उत्तर प्रदेश!
प्रिय सर / मैडम,
हम आपका ध्यान टिंकू पुत्र - पौहारी मुसहर, ग्राम-जाम, थाना-सिकरारा, जिला-जौनपुर (उत्तर प्रदेश) की ओर आकृष्ट कराना चाहूँगा।
गायब किये गये युवक टिंकू को 07 अप्रैल 2012 को चारपहिया गाडी से ईट भठ्ठा मालिक अरविद यादव व पप्पू यादव, (एस0बी0एफ0) ट्रेड ईट मार्का, स्थान-पहाड़पुर मुडि़यार, थाना-सैदपुर, जिला-गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) और पुलिस चैकी-जमालपुर के पुलिस कर्मियों द्वारा जबरदस्ती उठा ले गये। घटनास्थल-फजुलहा, थाना-रामपुर, जिला-जौनपुर से उठाया है। इस सन्दर्भ में गायब युवक के पिता पौहारी मुसहर द्वारा थानाध्यक्ष रामपुर को लिखित आवेदन पत्र दिया गया, उन्होने आवेदन पत्र लेने से इन्कार करते हुए सैदपुर थाना, गाजीपुर जाने को कहे। काफी भाग दौड करने के बाद भी युवक का कहीं पता नही चला तब पीडि़त परिजन समिति के कार्यालय में आये और 9 अप्रैल 2012 को पुलिस उपमहानिरीक्षक-वाराणसी मण्डल, वाराणसी को तार से सूचना भी दी गयी। समिति द्वारा 9 अप्रैल 2012 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई-दिल्ली को शाम में फैक्स तथा पंजीकृत डाक द्वारा सूचना दिया गया। साथ ही साथ मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश, पुलिस अधीक्षक जौनपुर, पुलिस अधीक्षक- गाजीपुर, को भी पंजीकृत डाक से सूचना उपलब्ध करायी गयी।
10 अप्रैल 2012 को पीडि़त परिजन ने फोन से समिति को सूचना दिया है कि टिंकू को भठ्ठा के मालिक द्वारा भठ्ठा पर कैद किया गया है, बेरहमी से मारा-पीटा जा रहा है और 5 लाख रुपये की मांग रखी गयी है, नही पूरा करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। जिससे पुरा परिवार सहमा है और गायब हुये युवक की गर्भवती पत्नी गुड्डी की हालात गम्भीर हैं।
भठ्ठा मालिक के उत्पीड़न के शिकार मुसहर परिवारों ने पूर्व में भी 20 दिसम्बर 2011, को श्रमायुक्त, वाराणसी मण्डल-वाराणसी, जिलाधिकारी-गाजीपुर को हलफनामानमय शपथ-पत्र भेजा था, फिर दूसरे परिजन के द्वारा भी सहायक श्रम आयुक्त-गाजीपुर तथा जिलाधिकारी-गाजीपुर को दिनांक 18 फरवरी 2012 को हलफनामामय शपथ-पत्र भेजा गया था। कार्यवाही नही होने पर पौहारी मुसहर द्वारा पुलिस अधीक्षक, जौनपुर को 02 मार्च 2012 को आवेदन पत्र भेजा, लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गयी, उल्टे भठ्ठा मालिक और पुलिस कर्मी 7 अप्रैल 2012 को पौहारी के पुत्र टिंकू को जबरदस्ती उठा ले गये। जिसकी जानकारी अभीतक प्राप्त नही हुयी है की गायब युवक को कहा रखा गया हैं।
इस सन्दर्भ में जब भठ्ठा मालिक अरविद यादव के मोबाईल फोन न0-9455668100 पर समिति के कार्यकर्ता द्वारा पूछा गया, उन्होंने ने जबाब दिया की उसे पुलिस ने उठाया है, अब वह कहा है, पुलिस ही बता सकती है। 10 अप्रैल 2012 को फिर समिति के कार्यकर्ता के मोबाईल फोन पर जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी, गाजीपुर (जैसा की उन्होने पहचान बताया) के मोबाईल-9125639299 से फोन आया की लड़का ठीक है। किसी प्रकार की जबरदस्ती नही की गयी, हमलोग उसे छोड देगें। लेकिन आवेदन पत्र लिखने तक किसी प्रकार की उचित सूचना प्राप्त नही हुयी है, दूसरी तरफ पीडि़त परिजनो की स्थिति बिगडती जा रही है।
महोदय, अगर इसी तरह से शासन-प्रशासन दबंग और सांमती लोगों के साथ मिलकर कार्य करेंगे, तब कानून की राज की स्थापना एक कल्याण मात्र ही हैं। समाज के सबसे नीचे पायदान पर जीवन यापन हेतु दर-दर भटक रहे मुसहरो को न्याय नही मिल पर रहा है। दूसरी तरफ ईट-भठ्ठा मानव अधिकार उल्लघंन के उपयुक्त स्थान बन गया है।
नीरजा चैधरी बनाम मध्य प्रदेश सरकार 1984 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिये निर्णय के अनुसार बन्धुआ मजदूरो प्रणाली में आयुक्त व जिलाधिकारी को हस्तक्षेप कर कार्यवाही सुनिश्चित करने की आदेश है।
अतः श्रीमान् जी से निवेदन है कि मामले में त्वरित हस्तक्षेप करते हुए टिंकू की जान-माल की सुरक्षा की जाए और सम्बन्धित दोषियों पर कठोर से कठोर कार्यवाही करते हुए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत धारा 3(i)(iii), धारा 3(i)(iv), धारा 3(i)(x), धारा 3(i)(xi), धारा 3(i)(xv), तथा धारा 3(2) और बंधुआ श्रम अधिनियमए 1976 के तहत ईंट भट्ठा मालिक और पुलिस कर्मी के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही करने की कृपा करें।
आपको धन्यवाद !
भवदीय
………………………
पत्र भेजें :
1.Mr. Akhilesh Singh Yadav,
Chief Minister
Chief Minister's Secretariat
Lucknow
Uttar Pradesh - INDIA
Fax: + 91 522 223 0002 / 223 9234
E-mail: csup@up.nic.in
2. Shri Mukul Wasnik
Minister, Ministry of Social Justice & Empowerment
Sardar Patel Bhawan
Sansad Marg
New Delhi - 110 001
INDIA
Fax: + 91 11 23742133
E-mail: ddpg2-arpg@nic.in
3. Chairperson
National Commission for Scheduled Castes
5th Floor, Lok Nayak Bhawan
Khan Market
New Delhi 110 003
INDIA
Fax + 91 11 2463 2298
E-mail: jointsecretary-ncsc@nic.in , chairman-ncsc@nic.in
4. The Prime Minister
Prime minister of India,
Prime minister office,
New Delhi - 110101 - INDIA
Fax no. - +91 11 - 23016857, 23019545.
E-mail : pmosb@pmo.nic.in
5. Chairperson
National Human Rights Commission
Faridkot House, Copernicus Marg
New Delhi 110001
INDIA
Fax + 91 11 2338 486
E-mail: chairnhrc@nic.in
6. The Registrar
Supreme court of India,
Tilak Marg, New Delhi - 110001 - INDIA.
Fax No. - + 91 11 23381508, 23381584.
E-mail :- supremecourt@nic.in
7. District Magistrate,
Jaunpur - Uttar Pradesh - 222002.
India.
Fax No. - +91 05452 260201, 240240
E-mail - upjau@nic.in
8. Ministry of Labour and Employment
Minister Labour and Employment,
120, A-Wing, Shram Shakti Bhawan,
New Delhi-110001
INDIA
Tel: +91 11 2371 0240/ 2371 751
9. Superintendents of Police
Jaunpur- Uttar Pradesh - 222002.
India.
Tel & Fax No. - +91 5452 261660, 261203
10. Superintendents of Police
Gazipur, Uttar Pradesh - 221001
India.
11. District Magistrate
--
www.pvchr.asia