दिनांक :- 18अप्रैल, 2012.
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली - भारत !
विषय :- उत्तर प्रदेश के अलीगढ जनपद मे युवक की मृत्यु पुलिस हिरासत मे !
महोदय,
हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के अलीगढ जनपद मे पुलिस हिरासत मे हुये श्यामु की मौत की तरफ दिलाना चाहते है.
संलग्नक :- http://in.jagran.yahoo.com/news/national/crime/5_18_9144416.html
अलीगढ़ मे पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन गु्रप [एसओजी] की हिरासत में एक युवक की मौत हो गयी,परिजनों ने एसओजी पर युवक की पीटकर हत्या करने का आरोप लगाते हंगामा शुरू कर दिया। देर शाम एसओजी प्रभारी समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। देर रात पूरी टीम को निलंबित कर दिया गया।
गभाना क्षेत्र के गांव पनिहावर निवासी श्यामू [29] अपने भाई रामू के साथ बहन के गांव रुस्तमपुर गया था। रविवार सुबह 11.30 बजे वहां एक बोलेरो से एसओजी के चार-पांच सिपाही पहुंचे और रामू और श्यामू को पकड़कर थाना क्वार्सी ले आए। यहां कुछ देर तक पूछताछ करने के बाद टीम ने श्यामू को तालानगरी की तरफ ले जाकर पूछताछ की।
पुलिस का कहना है कि यहां श्यामू ने अचानक एक कैप्सूल निकाकर खा लिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और मेडिकल कालेज ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया। हिरासत मे लेने के बाद पुलिस कर्मी ने मृतक की शरीर का छानबीन जरूर किये होंगे, इस लिए पुलिस का यह बयान गलत है, अखबार मे छपी खबर है की मृत्यु होने के बाद पुलिसकर्मी लाश मेडिकल कॉलेज में छोड़कर खिसक गए। श्यामू के भांजे प्रदीप का आरोप है कि एसओजी ने उसके मामा श्यामू को इतना पीटा कि उनकी मौत हो गई। मेडिकल कालेज में उनकी लाश सिर्फ कच्छा-बनियान में मिली है। पैंट-शर्ट और जूते गायब थे।
जनता ने भी श्यामू की हिरासत के दौरान हत्या का आरोप लगाते हुए एसएसपी पीयूष मोर्डिया से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
देर शाम श्यामू के भाई मनवीर सिंह की तहरीर पर क्वार्सी थाने में एसओजी प्रभारी आनंद कुमार, दरोगा प्रमोद कुमार, अशोक यादव, वीरेंद्र सिंह, दुर्विजय यादव, रामनाथ व संजय सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखा गया है। देर रात सभी को निलंबित कर दिया गया। रामू और श्यामू पर कई मुकदमे दर्ज हैं। रामू पांच हजार रुपये का इनामी है, उसकी गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट का स्टे चल रहा है। जबकि श्यामू जमानत पर चल रहा था।
अलीगढ़ मे पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन गु्रप [एसओजी] की हिरासत में एक युवक की मौत हो गयी,परिजनों ने एसओजी पर युवक की पीटकर हत्या करने का आरोप लगाते हंगामा शुरू कर दिया। देर शाम एसओजी प्रभारी समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। देर रात पूरी टीम को निलंबित कर दिया गया।
गभाना क्षेत्र के गांव पनिहावर निवासी श्यामू [29] अपने भाई रामू के साथ बहन के गांव रुस्तमपुर गया था। रविवार सुबह 11.30 बजे वहां एक बोलेरो से एसओजी के चार-पांच सिपाही पहुंचे और रामू और श्यामू को पकड़कर थाना क्वार्सी ले आए। यहां कुछ देर तक पूछताछ करने के बाद टीम ने श्यामू को तालानगरी की तरफ ले जाकर पूछताछ की।
पुलिस का कहना है कि यहां श्यामू ने अचानक एक कैप्सूल निकाकर खा लिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और मेडिकल कालेज ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया। हिरासत मे लेने के बाद पुलिस कर्मी ने मृतक की शरीर का छानबीन जरूर किये होंगे, इस लिए पुलिस का यह बयान गलत है, अखबार मे छपी खबर है की मृत्यु होने के बाद पुलिसकर्मी लाश मेडिकल कॉलेज में छोड़कर खिसक गए। श्यामू के भांजे प्रदीप का आरोप है कि एसओजी ने उसके मामा श्यामू को इतना पीटा कि उनकी मौत हो गई। मेडिकल कालेज में उनकी लाश सिर्फ कच्छा-बनियान में मिली है। पैंट-शर्ट और जूते गायब थे।
जनता ने भी श्यामू की हिरासत के दौरान हत्या का आरोप लगाते हुए एसएसपी पीयूष मोर्डिया से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
देर शाम श्यामू के भाई मनवीर सिंह की तहरीर पर क्वार्सी थाने में एसओजी प्रभारी आनंद कुमार, दरोगा प्रमोद कुमार, अशोक यादव, वीरेंद्र सिंह, दुर्विजय यादव, रामनाथ व संजय सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखा गया है। देर रात सभी को निलंबित कर दिया गया। रामू और श्यामू पर कई मुकदमे दर्ज हैं। रामू पांच हजार रुपये का इनामी है, उसकी गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट का स्टे चल रहा है। जबकि श्यामू जमानत पर चल रहा था।
अत: श्रीमान जी से निवेदन है की मामला मे त्वरित कार्यवाही करते हुए, सभी दोषी पुलिस कर्मियो पर धारा 302 के तहत मुकदमा पंजिकृत और मृत श्यामु के परिवार व गवाहो को सुरक्षा और पीडित परिजन को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे !
भवदीय
(डा0 लेनिन)
महासचिव,
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी - 221002
मोबाईल न0 - +91-9935599333.
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